हर लड़की की ज़िंदगी में शादी का दिन एक सपने जैसा होता है — जिसमें रंग होते हैं, रिश्तों की मिठास होती है और आने वाले नए जीवन की उम्मीदें होती हैं। जाने इसके बारे में ? 

MP News:-हर लड़की की ज़िंदगी में शादी का दिन सबसे खास होता है। एक ऐसा दिन, जिसके लिए वो बचपन से सपने संजोती है – दुल्हन के लाल जोड़े में खुद को देखती है, अपनी सहेलियों के साथ मेहंदी की रात का जश्न मनाती है और नए जीवन की शुरुआत का इंतज़ार करती है। लेकिन सोचिए अगर उसी खास दिन पर अचानक कोई ऐसा झटका मिले, जिससे सारे सपने चकनाचूर हो जाएं, तो क्या बीतेगी उस लड़की पर?
ऐसा ही एक बेहद दर्दनाक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से, जहां एक युवती की शादी से ठीक पहले उसके दूल्हे ने बारात लाने से मना कर दिया। पूरी शादी की तैयारी हो चुकी थी, मंडप सज चुका था, मेहमान आ चुके थे, लेकिन दूल्हा नहीं आया। जब लड़की ने खुद फोन किया, तो जवाब मिला – “मेरा काम हो गया है, अब मैं बारात नहीं लाऊंगा।”
मेहंदी की रात थी हँसी और उम्मीदों से भरी
छतरपुर जिले के रामटोरिया थाना क्षेत्र की रहने वाली इस युवती की शादी 15 मई 2025 को भरत अहिरवार नाम के युवक से तय हुई थी, जो झिरियाझोर गांव का रहने वाला है। दोनों के बीच करीब छह महीने से प्रेम संबंध था और फिर परिवारों की रज़ामंदी के बाद शादी की तारीख तय हुई।
शादी से एक दिन पहले घर में खुशियों का माहौल था। मेहंदी की महक से पूरा घर महक रहा था। दुल्हन सहेलियों के साथ नाच-गा रही थी। ढोलक बज रही थी, हंसी-ठिठोली हो रही थी। हर कोई बस शादी के दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।
शादी के दिन अचानक आई खामोशी
शादी वाले दिन घर में हलचल सुबह से ही शुरू हो गई थी। करीब 300 बारातियों के स्वागत की तैयारी थी – खाने-पीने का पूरा इंतजाम, सजावट, फूल, स्टेज, फोटोग्राफर सब आ चुके थे। पंडित भी मंत्र पढ़ने के लिए तैयार था। दुल्हन लाल जोड़े में पूरी तरह से सजी-धजी थी। लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलने लगा, सभी की नजरें बार-बार दरवाजे की ओर जा रही थीं।
शाम होते-होते चिंता बढ़ने लगी कि बारात अभी तक क्यों नहीं आई। रात 9 बजे तक जब कोई नहीं आया, तो लड़की वालों ने लड़के के घर फोन किया। वहां से जवाब आया – “हम बारात नहीं ला रहे।”
जब दूल्हे ने कहा – ‘मेरा काम हो गया है’
परिवार के लोग हैरान रह गए। दुल्हन ने खुद भरत को फोन किया और जवाब सुनकर उसके होश उड़ गए। भरत ने कहा –
“मेरा काम हो गया है, अब मैं बारात नहीं लाऊंगा।”
इतना सुनते ही दुल्हन की आंखों से आंसू रुक नहीं पाए। जो चेहरा कुछ घंटे पहले खुशी से दमक रहा था, वो अब पूरी तरह से बुझ गया था। रिश्तेदार जो शादी की खुशी में शामिल होने आए थे, धीरे-धीरे बिना कुछ बोले लौटने लगे। घर का माहौल जो कल तक उत्सव जैसा था, अब मातम में बदल गया।
प्रेम था, भरोसा था… पर मिला धोखा
दुल्हन का आरोप है कि वह और भरत पिछले छह महीने से रिलेशनशिप में थे। दोनों के बीच काफी बात हुई थी और शादी का फैसला दोनों परिवारों की सहमति से हुआ था। लेकिन शादी के दिन अचानक इस तरह मना कर देना उसके लिए किसी सदमे से कम नहीं था।
अब लड़की ने छतरपुर एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। लड़की और उसका परिवार अब न्याय की उम्मीद में हैं।
समाज के लिए बड़ा सवाल
इस घटना ने सिर्फ एक लड़की के सपनों को नहीं तोड़ा, बल्कि समाज के सामने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। क्या ऐसे मामलों में सिर्फ भावनाओं का नुकसान होता है या कोई जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए? क्या प्रेम संबंधों में शादी का वादा करके मुकर जाना सिर्फ धोखा नहीं, बल्कि अपराध भी होना चाहिए?
ये मामला उन तमाम लड़कियों के लिए भी एक सीख है, जो भरोसे और प्यार के नाम पर सब कुछ छोड़कर किसी का इंतजार करती हैं।
छतरपुर की ये घटना एक कड़वी सच्चाई है – जहां सपनों की डोर उस वक्त टूट गई जब भरोसे की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। उम्मीद है कि पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करेगी और पीड़ित युवती को न्याय मिलेगा।