मंगलवार को PM मोदी ने पुरानी संसद से नई संसद के लिए पैदल रास्ता तय किया है और उसके साथ ही मोदी ने संविधान की कॉपी भी साथ लेखे गए | और सभी नई बिल्डिंग में जाएगे इसके साथ साथ पहले नए संसद भवन के उद्घाटन के समय भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था |
भारतीय संविधान की कॉपी:-संसद को लेकर पुरे भारत भारत में एक नया उत्साह उमंग भर आया है इसको लेकर एक विशेष सत्र बुलाई गई और मंगलवार को नए संसद की ओर गए सुबह 9.15 बजे ये फोटो सेशन होगा. इसके बाद 11 बजे दोनों सदनों के सांसदों की सेंट्रल हॉल में जॉइंट मीटिंग होगी. इसके बाद का नजारा देखने लायक होगा जब प्रधानमंत्री पुरानी संसद से नई संसद की तरफ जाएंगे. इससे पहले नए संसद भवन के उद्घाटन के समय भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था
पैदल :-दरअसल, बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने संसद से नए संसद की तरफ जब जाएंगे , तब उनके हाथों में संविधान की कॉपी होगी. इस कॉपी की तस्वीरें भी सामने आई हैं |संविधान की कॉपी लेकर पैदल यात्रा करने के कई फायदे हैं। यह एक ऐतिहासिक घटना होगी, जो भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी। यह संविधान की महत्ता और महत्व को दर्शाता है। यह भारत के लोगों को यह याद दिलाता है कि संविधान ही भारत की सरकार और कानूनों का आधार है।
संसद का नजारा:-नई संसद का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था और 2023 में पूरा हुआ था। यह संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक नया घर है। नई संसद में एक विशाल संसद हॉल है, जो 1000 सांसदों के बैठने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, नई संसद में कई अन्य सुविधाएं हैं, जिनमें एक संविधान हॉल, एक पुस्तकालय और एक संग्रहालय शामिल हैं।यह सब तब होगा जब संसद का विशेष सत्र कल से नए भवन में लगेगा. इस नई संसद की पहली कार्यवाही के दिन सभी सांसदों को एक विशेष उपहार बैग दिया जाएगा. इस बैग में भारत के संविधान की प्रति, स्मारक सिक्के और नई संसद पर टिकट और पुस्तिका शामिल रहेंगीं
सत्र के अंडर क्या:-सत्र के पहले दिन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया। अपने अभिभाषण में, उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने देश के लोगों से एकता और सामंजस्य के साथ काम करने का आह्वान किया।इससे पहले संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने ऐतिहासिक क्षणों को याद किया है. पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर चर्चा हुई.