Nitish Reddy Century:- नीतीश रेड्डी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपने करियर की शुरुआत करते हुए ऐसी पारी खेली, जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। जाने मैच का हाल ?
Nitish Reddy Century:-भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट हमेशा से रोमांचक रहा है, लेकिन इस बार का मुकाबला भारतीय क्रिकेट के लिए और भी खास बन गया। 21 साल के युवा खिलाड़ी नीतीश रेड्डी ने अपने डेब्यू टेस्ट में जो कारनामा किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने मुश्किल हालात में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक जमाया और न सिर्फ टीम इंडिया को बचाया, बल्कि मैच का पूरा रुख ही पलट दिया।
मेलबर्न के मैदान पर भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। 191 के स्कोर पर 6 विकेट गिर चुके थे। बड़े नाम जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, और ऋषभ पंत कोई खास योगदान नहीं दे सके। जब पंत आउट हुए तो ऐसा लगने लगा कि भारतीय टीम फॉलोऑन के जाल में फंस जाएगी।
ऐसे हालात में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए नीतीश रेड्डी। उन्होंने पहले क्रीज पर टिकने की कोशिश की और धीरे-धीरे रन जोड़ना शुरू किया। उनके बैट से पहली फिफ्टी 81 गेंदों में आई, जिसमें 4 चौके और 1 छक्का शामिल था। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया।
शतक
फिफ्टी के बाद नीतीश ने अपनी पारी को और मजबूत किया। उनके आत्मविश्वास और धैर्य ने भारतीय टीम को धीरे-धीरे संकट से उबारना शुरू किया। जब उन्होंने 171वीं गेंद पर चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया, तो स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस और ड्रेसिंग रूम में बैठे खिलाड़ी खुशी से झूम उठे। इस पारी में उन्होंने 10 चौके और 1 छक्का लगाया।
मैच
नीतीश की यह पारी सिर्फ शतक तक सीमित नहीं रही, बल्कि उसने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का हौसला तोड़ दिया। भारतीय टीम को संकट से बाहर निकालने के अलावा उन्होंने मैच को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। उनकी इस पारी की सबसे बड़ी खासियत थी कि उन्होंने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाया।
नीतीश रेड्डी की इस पारी ने न सिर्फ भारत को शर्मिंदगी से बचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि टीम में नए खिलाड़ियों का दम-खम कितना मजबूत है। डेब्यू टेस्ट में ऐसी शानदार पारी खेलना आसान नहीं होता, लेकिन नीतीश ने दिखा दिया कि वह बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं।
फैंस
उनके शतक के बाद पूरे मैदान में भारतीय तिरंगा लहराने लगा। ड्रेसिंग रूम में बैठे रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गज भी खड़े होकर तालियां बजाने लगे। यह नजारा हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए गर्व का क्षण था।
नीतीश रेड्डी ने अपनी इस पारी से साबित कर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के बड़े सितारे बन सकते हैं। उनकी यह पारी न सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में याद रखी जाएगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे खास पलों में भी शुमार होगी।