प्यार… एक ऐसा रिश्ता जो भरोसे से बनता है, पर जब उसी प्यार में दरार आ जाए, तो इंसान हैवान बन जाता है। ओडिशा से आई इस खौफनाक घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब मोहब्बत में टूटन आती है, जाने पूरी घटना ? 

Odisha News:-आज के दौर में प्यार, जो कभी दो दिलों को जोड़ने वाला खूबसूरत रिश्ता हुआ करता था, अब कई बार डर की वजह बनता जा रहा है। आए दिन प्रेम संबंधों से जुड़ी खौफनाक घटनाएं सामने आ रही हैं — जिनमें किसी न किसी की जान जा रही है। ऐसी ही एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना ओडिशा के बरहमपुर शहर से सामने आई है, जहाँ एक युवक ने अपनी बचपन की प्रेमिका की 15 बार चाकू मारकर बेरहमी से हत्या कर दी।
बचपन का प्यार, जो बन गया खौफनाक अंत की वजह
यह कहानी है अभय और प्रिया की। दोनों ओडिशा के लांजीपाली इलाके के रहने वाले थे। स्कूल के दिनों में दोनों की दोस्ती शुरू हुई थी, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। एक समय था जब दोनों साथ जीने-मरने की कसमें खाते थे, लेकिन वक्त के साथ रिश्ते बदल गए।
अभय एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ महीने पहले उसकी नौकरी छूट गई। इस घटना के बाद से उसकी जिंदगी में तनाव बढ़ने लगा। नौकरी जाने का असर उसके रिश्ते पर भी पड़ा। प्रिया का व्यवहार बदलने लगा — वो अब अभय से दूर-दूर रहने लगी थी। फोन कॉल्स का जवाब नहीं देना, नजरअंदाज करना और बातचीत से बचना… ये सब बातें अभय को भीतर से तोड़ने लगीं।
जब प्यार में पनपने लगी जलन और गुस्सा
इसी बीच अभय को ये भी पता चला कि प्रिया के लिए शादी के रिश्ते आ रहे हैं। उसे लगने लगा कि प्रिया अब उसे छोड़ किसी और की हो जाएगी। इस सोच ने उसके मन में जहर भर दिया। वो धीरे-धीरे अंदर ही अंदर एक प्लान बनाने लगा — ऐसा प्लान जिसमें सिर्फ और सिर्फ मौत थी।
गेस्ट हाउस में रचा गया खूनी खेल
अभय ने एक दिन प्रिया को गेस्ट हाउस बुलाया। वहां पहले दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए। फिर अचानक, अभय ने चाकू निकाला और प्रिया पर हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार, उसने 15 बार चाकू से प्रिया के शरीर पर वार किए। इतने घावों के बाद प्रिया की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस को शक है कि ये कोई अचानक हुआ झगड़ा नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। अभय ने पहले से ही तय कर रखा था कि वह प्रिया को मार देगा। इसलिए वह उसे एक सुनसान गेस्ट हाउस में ले गया, जहाँ कोई उनकी हरकतों पर शक न करे।
मोहब्बत की ये कैसी सजा?
यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी का खौफनाक अंत नहीं है, बल्कि हमारे समाज के उस मानसिक तनाव को भी उजागर करती है, जहाँ रिश्तों में संवाद की जगह शक, स्वार्थ और हिंसा ने ले ली है।
प्रेम अगर सच्चा हो, तो वो त्याग सिखाता है, सम्मान सिखाता है। लेकिन जब प्यार में अधिकार की भावना हावी हो जाए और इंसान यह सोचने लगे कि अगर वह नहीं तो कोई नहीं, तब यही प्यार खतरनाक रूप ले लेता है।
इस तरह की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। युवाओं को, अभिभावकों को और समाज को इस दिशा में गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है। रिश्तों में संवाद बनाए रखना, मानसिक तनाव को समझना और समय पर मदद लेना — ये सब चीज़ें ज़रूरी हैं, ताकि प्यार का रास्ता मौत की ओर न मुड़े।
ओडिशा की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज के समय में प्यार करना खतरे से खाली नहीं है? क्या रिश्तों में भरोसा खत्म होता जा रहा है? और क्या अब शादी के ख्याल से भी डर लगने लगा है?
इस दर्दनाक कहानी का अंत तो हो गया, लेकिन इसके पीछे के सवाल आज भी ज़िंदा हैं — और जवाब हम सभी को मिलकर तलाशने होंगे।