पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों पर कहर बरपाया है। जाने इसके बारे में ? 

Operation Sindoor:-भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में एक और नया मोड़ आ गया है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जवाब देते हुए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर बमबारी की है, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं।
इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी खबर यह है कि कुख्यात आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर का पूरा परिवार इस हमले में खत्म हो गया है। मसूद अजहर, जो आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है, उसका परिवार पाकिस्तान में सुरक्षित समझा जाता था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने उनकी इस सुरक्षा की गारंटी को खत्म कर दिया। भारतीय सेना की सटीक और योजनाबद्ध हमले ने पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को बड़ा झटका दिया है।
आतंकवादियों के ठिकानों पर सीधा हमला
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिन नौ ठिकानों पर हमला किया, वे सभी पाकिस्तान के पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित थे। इन ठिकानों पर बमबारी के बाद इलाके में भारी तबाही मच गई। सेना के सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में कई बड़े आतंकवादी मारे गए हैं। खास बात यह है कि मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग भी इस हमले में मारे गए, जो इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।
इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने सटीक इंटेलिजेंस पर काम किया, जिसमें आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी पहले ही मिल गई थी। सेना ने आधुनिक ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान पर दोहरी मार: IMF की मदद पर संकट
जहां एक तरफ भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकियों पर कहर बरपाया, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शुक्रवार को एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 अरब डॉलर के लोन पर पुनर्विचार किया जाएगा।
IMF की यह बैठक इसलिए अहम हो गई है क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने यह दावा किया है कि हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था। इस दावे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है और अब IMF को भी पाकिस्तान को लोन देने से पहले दोबारा सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
IMF की लोन शर्तें और पाकिस्तान की मुश्किलें
IMF पाकिस्तान को पहले ही कई बार लोन दे चुका है, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 1.3 अरब डॉलर और 7 अरब डॉलर का लोन भी शामिल है। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। पहलगाम में हुए हमले और उसमें पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता के सबूत सामने आने के बाद अमेरिका और अन्य देशों ने IMF पर दबाव बनाया है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाए।
अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन इंटरप्राइजेज इंस्टीट्यूट (AEI) के सीनियर फेलो माइकल रुबिन ने अपने लेख में लिखा है कि पाकिस्तान को फंडिंग रोकनी चाहिए। रुबिन का कहना है कि पाकिस्तान जैसे भ्रष्ट देश को लोन देना ऐसा ही है जैसे किसी शराबी को शराब खरीदने के लिए पैसे देना। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मदद का गलत इस्तेमाल करता है और इसका अधिकांश हिस्सा भ्रष्टाचार और आतंकवादी संगठनों पर खर्च होता है।
पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप
माइकल रुबिन ने अपने लेख में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए उसे एक आतंकवाद समर्थक देश करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवादी संगठनों को समर्थन देती है। उन्होंने 2008 के मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान ने आज तक सजा नहीं दी।
रुबिन ने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अपने देश में छिपा रखा था, जिसे अमेरिकी सेना ने एबटाबाद में मार गिराया था। इस घटना ने यह साफ कर दिया था कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है।
पाकिस्तान का जवाब और बढ़ता तनाव
भारत के ऑपरेशन सिंदूर और IMF के लोन संकट के बीच पाकिस्तान की स्थिति कमजोर होती दिख रही है। पाकिस्तानी सरकार ने इन हमलों पर अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन वहां के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व में हलचल मची हुई है।
दूसरी ओर, IMF की बैठक में अगर पाकिस्तान को लोन नहीं मिला, तो उसकी पहले से ही खराब अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ेगा। IMF की इस बैठक में भारत की तरफ से भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के सबूत पेश किए जा सकते हैं।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर और IMF के लोन संकट ने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पाकिस्तान पर एक तरफ आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है, वहीं दूसरी तरफ उसकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है।
अगर IMF ने पाकिस्तान को लोन देने से इनकार कर दिया, तो उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है। भारत ने अपने सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान को दोहरी मार दी है। अब देखना यह है कि पाकिस्तान इस संकट से कैसे निकलता है।