Pahalgam हमले के बाद फिर से भारतीय जवाबी कार्रवाई का डर सताने लगा पाकिस्तान को

बालाकोट एयर स्ट्राइक (26 फरवरी 2019) से पहले पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर अमेरिकी F-16 फाइटर जेट की तस्वीरें खूब वायरल की थीं, भारत को डराने के इरादे से। जाने इस ब्लॉग में ?  Pahalgam  Pakisthan

Pahalgam News:-कुछ साल पहले, बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर खूब शेखी बघारी थी। उन्होंने अपने अमेरिकी F-16 फाइटर जेट की तस्वीरें शेयर की थीं और भारत को डराने की कोशिश की थी। लेकिन भारत ने उनकी एक न सुनी और कुछ ही घंटों बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला कर दिया। पाकिस्तान की सारा गुरूर धराशायी हो गया।

अब एक बार फिर से, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत पलटवार कर सकता है। इसी डर में पाकिस्तान फिर से सोशल मीडिया पर नया ड्रामा कर रहा है। इस बार उन्होंने अपने और चीन के मिलकर बनाए फाइटर जेट JF-17 थंडर की तस्वीरें वायरल करनी शुरू कर दी हैं। पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वह भारत के किसी भी जवाबी हमले का मुकाबला कर सकता है।

लेकिन हकीकत यह है कि जब अमेरिका के F-16 भी भारत को नहीं रोक पाए थे, तो अब चीन-पाकिस्तान का JF-17 क्या उखाड़ लेगा?

JF-17 की खूबियां सिर्फ कागज पर

पाकिस्तान और चीन मिलकर JF-17 फाइटर जेट बनाते हैं। यह एक सिंगल इंजन वाला मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसकी अधिकतम रफ्तार करीब 1900 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई जाती है।

चीन ने अपने हथियारों के लिए पाकिस्तान को एक तरह से मंडी बना दिया है। JF-17 को पाकिस्तान के बाद दुनिया के कुछ अन्य देशों जैसे मलेशिया, अजरबैजान, म्यांमार और नाइजीरिया को भी बेचा गया है। ज़्यादातर मुस्लिम देश हैं। हाल ही में इराक ने भी 12 JF-17 थंडर ब्लॉक-3 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील फाइनल की है।

JF-17 को बनाने में करीब 42 फीसदी पुर्जे चीन से आते हैं और 58 फीसदी पाकिस्तान में बनाए जाते हैं। यानी आधा-अधूरा माल है!

लेकिन सवाल सिर्फ स्पीड और मल्टी-रोल होने का नहीं है, सवाल है असली जंग में काम करने का। और यहीं JF-17 फेल हो जाता है।

JF-17 की पोल म्यांमार में खुली

पाकिस्तान ने म्यांमार को भी JF-17 बेच डाले थे। लेकिन जल्द ही म्यांमार को पता चला कि ये फाइटर जेट तो तकनीकी खराबियों से भरे हुए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार ने अपने सभी 11 JF-17 ग्राउंड कर दिए यानी हैंगर में खड़ा कर दिया क्योंकि इनके एयरफ्रेम में दरारें (cracks) आ गई थीं।

जल्दबाजी में चीन और पाकिस्तान के तकनीकी एक्सपर्ट्स की टीमें म्यांमार भेजनी पड़ीं।
असल में, JF-17 की सबसे बड़ी कमजोरी है चीन की खराब मेटलर्जी टेक्नोलॉजी। इनके बनाए फाइटर जेट्स के ढांचे (एयरफ्रेम) जल्दी कमजोर पड़ जाते हैं और दरारें आना आम बात हो गई है।

यानि सोशल मीडिया पर भले ये जेट शानदार दिखते हैं, लेकिन असलियत में ये जमीन पर कमजोर और भरोसे के लायक नहीं हैं।

बालाकोट स्ट्राइक के बाद भी JF-17 कुछ नहीं कर सका था

26 फरवरी 2019 को भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट किया था। अगले ही दिन, यानी 27 फरवरी को पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने अपने 30 से ज्यादा फाइटर जेट भेजे थे — जिनमें F-16, JF-17 और मिराज विमान शामिल थे।

पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का नाम दिया था – “SWIFT RETORT“।

लेकिन भारत ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय वायुसेना के सुखोई-30, मिराज 2000 और मिग-21 बाइसन फाइटर जेट्स ने अलर्ट होकर उड़ान भरी। नतीजा ये रहा कि पाकिस्तानी JF-17 और F-16 को खदेड़ दिया गया।

सबसे बड़ी बात — भारत के एक मिग-21 बाइसन ने पाकिस्तान के F-16 को मार गिराया।
ये वही F-16 थे जिन पर पाकिस्तान बहुत घमंड करता था। वहीं JF-17, जिसे पाकिस्तान ने पहली बार असली युद्ध जैसी स्थिति में इस्तेमाल किया था, वह भी कोई खास असर नहीं दिखा सका।

आज फिर पाकिस्तान सोशल मीडिया पर JF-17 के साथ BVR मिसाइल PL-15 की तस्वीरें शेयर कर रहा है, उनके गुणगान कर रहा है। लेकिन सच तो ये है कि ये सब सिर्फ इंटरनेट तक ही सीमित है
जमीनी हकीकत यही है कि पाकिस्तान के ये जेट अगर फिर से किसी कार्रवाई में सामने आए, तो भारतीय वायुसेना एक बार फिर उन्हें वैसे ही सबक सिखाएगी जैसे बालाकोट के बाद सिखाया था।

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