पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया है और 182 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया है। जाने पूरी खबर ? 

Pakistan Baloch:-पाकिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बलूच विद्रोहियों ने जफर एक्सप्रेस नाम की ट्रेन को हाईजैक कर लिया और उसमें सवार 182 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया है। यह ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी, लेकिन रास्ते में ही बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों ने इसे रोक लिया और कब्जा कर लिया।
विद्रोहियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने कोई बचाव अभियान चलाने की कोशिश की तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। इस घटना के दौरान बीएलए के लड़ाकों ने 20 पाकिस्तानी सैनिकों को भी मार गिराया।
कैसे हुआ ट्रेन हाईजैक?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, बलूच लड़ाकों ने सुरंग संख्या 8 के पास रेलवे ट्रैक को विस्फोटकों से उड़ा दिया, जिससे ट्रेन रुक गई। इसके बाद हथियारों से लैस बीएलए लड़ाके ट्रेन में घुस गए और यात्रियों को बंधक बना लिया।
पाकिस्तान सरकार और सेना में हड़कंप
जैसे ही यह खबर फैली, पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां एक्टिव हो गईं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने आपात बैठक बुलाई और बचाव अभियान की तैयारी शुरू कर दी। रेलवे कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ ने सिबी और बोलन के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी, ताकि घायलों का इलाज किया जा सके।
बीएलए का ऑपरेशन और उनकी मांगें
बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने एक वीडियो जारी करके इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि यह ऑपरेशन बीएलए की ‘फिदाई यूनिट’ मजीद ब्रिगेड चला रही है, जिसे स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशन स्क्वॉड (STOS), फतेह स्क्वॉड और बीएलए की खुफिया शाखा जराब का समर्थन मिला हुआ है।
बीएलए की मांगें साफ हैं –
- बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजादी मिले
- पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान से हटे
- पाकिस्तानी सरकार बलूच लोगों पर हो रहे अत्याचार रोके
अगर इन मांगों को नहीं माना गया तो बंधकों की हत्या कर दी जाएगी।
पाकिस्तानी सेना का जवाबी हमला?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना ने हाईजैक किए गए यात्रियों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन की तैयारी कर ली है। इस बीच, सेना ने बलूचिस्तान में तीन बलूच नागरिकों को अगवा कर लिया।
बलूचिस्तान में बीते कुछ सालों में पाकिस्तानी सरकार और बीएलए के बीच संघर्ष तेज हो गया है। 1948 से बलूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहा है और बीते कुछ वर्षों में यह लड़ाई और उग्र हो गई है।
बलूचिस्तान में बढ़ रहा विद्रोह
बलूच विद्रोहियों का नेतृत्व अब नई पीढ़ी के हाथों में चला गया है। 32 साल की महरंग बलोच इस संघर्ष का एक नया चेहरा बन गई हैं। वह हिंसा के बजाय शांतिपूर्ण आंदोलन पर जोर देती हैं, लेकिन उनका कहना है कि बलूचिस्तान की आजादी तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
फिलहाल, पाकिस्तान सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि बंधकों को सुरक्षित बचाया जाए। अगर पाकिस्तानी सेना बलपूर्वक ऑपरेशन करती है तो यह संकट और गहरा सकता है।
अब देखना होगा कि क्या पाकिस्तान इस संकट को सुलझा पाता है या फिर बलूचिस्तान का विद्रोह और तेज हो जाता है।