समाज भले ही कितना भी आधुनिक हो गया हो, लेकिन जात-पात, ऊँच-नीच और झूठी शान की बेड़ियों में कुछ लोग आज भी जकड़े हुए हैं। जाने इसके पूरी घटना ? 

love Crime News:समाज कितना भी आगे बढ़ जाए, लेकिन झूठी शान, जात-पात और ऊँच-नीच की बेड़ियां अभी भी कई लोगों की सोच को जकड़े हुए हैं। आज का युवा प्रेम में जाति, धर्म और पेशे को नहीं देखता, लेकिन कुछ परिवार इसे अपनी इज्जत का सवाल बना लेते हैं। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवती ने अपने प्यार को अपनाया, लेकिन उसके अपने ही परिवार ने इसे बर्दाश्त नहीं किया और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
प्यार हुआ, शादी की लेकिन परिवार को रास नहीं आया
23 वर्षीय नेहा (बदला हुआ नाम) को अपने दोस्त सूरज से प्यार हो गया था। दोनों पिछले छह सालों से एक-दूसरे को जानते थे और 10वीं कक्षा से ही दोनों के बीच नजदीकियां थीं। लेकिन सूरज की जाति अलग थी और वह पेशे से टैक्सी ड्राइवर था। नेहा के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। बावजूद इसके, दोनों ने 11 मार्च को गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और इसके बाद वे गाजियाबाद स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी का पंजीकरण कराने जा रहे थे। लेकिन नेहा का परिवार इस शादी से बेहद नाराज था और उसने एक खौफनाक साजिश रची।
पिता और भाई ने रची हत्या की साजिश
जैसे ही नेहा के पिता भानु और भाई हिमांशु को इस शादी के बारे में पता चला, उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने नेहा को किसी बहाने से घर बुलाया और वहां उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। यही नहीं, इस अपराध को छिपाने के लिए उन्होंने आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, ताकि किसी को शक न हो।
हत्या के तीन घंटे के भीतर पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस को सूचना मिली, और सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मात्र तीन घंटे में आरोपी पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया।
बिसरख पुलिस थाने के प्रभारी मनोज सिंह ने बताया कि,
“नेहा के परिवार को यह शादी मंजूर नहीं थी, क्योंकि सूरज दूसरी जाति का था और टैक्सी चलाता था। लेकिन नेहा और सूरज एक-दूसरे को 6 साल से जानते थे और शादी के लिए तैयार थे।”
नेहा की हत्या सिर्फ एक लड़की की मौत नहीं है, बल्कि यह उन लोगों की मानसिकता को दर्शाती है, जो प्यार को अपनी झूठी शान और इज्जत से नीचे समझते हैं। जब तक समाज में जाति और पेशे को लेकर यह संकीर्ण मानसिकता बनी रहेगी, तब तक ऑनर किलिंग के ऐसे मामले सामने आते रहेंगे। सवाल यह है कि क्या प्यार करने की सजा मौत होनी चाहिए?
नेहा का गुनाह सिर्फ इतना था कि उसने अपने मन से शादी की थी, लेकिन उसके अपने ही अपनों के लिए दुश्मन बन गए। अब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें कड़ी सजा दिलाने की मांग उठ रही है। लेकिन यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए एक बड़ा सबक है, जो अब भी समाज की इन पुरानी रूढ़ियों को सही मानता है। क्या प्यार करने वालों को अपनी जिंदगी का फैसला खुद लेने का अधिकार नहीं है?