रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, और इस्लाम धर्म के अनुयायी पूरे विश्व में रोजा रख रहे हैं। दिनभर के उपवास के बाद शाम को इफ्तारी की जाती है,जाने पाकिस्तान का हाल ? 

Ramadan Pakistan:-रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को इफ्तारी की जाती है, जिसमें अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट पकवान होते हैं। भारत समेत कई मुस्लिम देशों में इफ्तारी को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार पड़ोसी देश पाकिस्तान में इफ्तारी करना लोगों के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है।
रमजान में महंगाई ने तोड़ी कमर
पाकिस्तान में इस समय आटा, चावल, मीट, सब्जियों और फलों की कीमतें आसमान छू रही हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि आम लोगों के लिए रोजमर्रा का राशन खरीदना भी मुश्किल हो गया है। राशन की भारी कमी के चलते लोग लंबी कतारों में खड़े होकर जरूरी सामान खरीदने के लिए मजबूर हैं, लेकिन दुकानों में पर्याप्त स्टॉक नहीं होने से लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
तीन दिनों में अचानक बढ़े दाम
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ‘समा टीवी’ के मुताबिक, रमजान से एक दिन पहले ही फल, सब्जी और मीट की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि रोजमर्रा के खाने-पीने की चीजें आम जनता की पहुंच से बाहर हो गई हैं। लोग यह देखकर हैरान हैं कि सिर्फ तीन दिनों में ही कीमतों में भारी अंतर आ गया।
लाहौर में सेब, केला, टमाटर और लहसुन जैसी चीजें सरकारी रेट से कई गुना ज्यादा कीमतों पर बेची जा रही हैं।
- लाहौर में सेब का सरकारी रेट 305 रुपये किलो है, लेकिन बाजार में यह 335 रुपये किलो बिक रहा है।
- रावलपिंडी में सेब 320 रुपये किलो तक पहुंच चुका है।
- सुक्कुर में अंडों के दाम 200 रुपये से बढ़कर 290 रुपये प्रति दर्जन हो गए हैं।
- मीट की कीमत 670 रुपये से सीधा 760 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है।
महंगाई को लेकर गुस्साए लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में रमजान से पहले कीमतें बढ़ना अब आम बात हो गई है। हर साल इस महीने में खाने-पीने की चीजों की कीमतें इतनी बढ़ जाती हैं कि आम लोगों के लिए इफ्तारी का खर्च उठाना मुश्किल हो जाता है।
राशन की भारी किल्लत, दुकानें खाली
महंगाई के साथ-साथ राशन की भारी कमी भी पाकिस्तान में देखने को मिल रही है। खासकर लाहौर में आटा, चावल, घी, दालें और बेसन जैसी जरूरी चीजें दुकानों से गायब हो गई हैं। इससे मिडिल क्लास परिवारों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।
दुकानदारों का कहना है कि बीते छह महीनों से स्थिति लगातार खराब हो रही है। राशन की दुकानों पर हर दिन ग्राहकों की लंबी कतारें लगती हैं, लेकिन अलमारियां खाली पड़ी रहती हैं। मजबूरन लोग महंगे दामों पर सामान खरीदने के लिए बाजारों की तरफ रुख कर रहे हैं।
महंगाई पर जनता का गुस्सा
पाकिस्तान में रमजान से पहले महंगाई हर साल बढ़ जाती है, लेकिन इस बार के हालात ज्यादा खराब हैं। आम जनता सरकार से सवाल कर रही है कि आखिर कब तक उन्हें इस तरह से परेशान होना पड़ेगा। लोग कह रहे हैं कि पहले से ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब थी, लेकिन अब बुनियादी जरूरतों की चीजें भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं।
अगर यही हाल रहा, तो इस बार रमजान का महीना पाकिस्तान के गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लिए बेहद मुश्किल भरा साबित होने वाला है।