Russian:-तेहरान रूस को मिसाइलें और अन्य हथियार मुहैया करा रहा है। इस आरोप को लेकर यूक्रेन और पश्चिमी देशों के बीच खासी चिंता बनी हुई है, जाने पूरी खबर
Russian:-सितंबर 2024 में यूक्रेन और ईरान के बीच राजनयिक तनाव एक नए मोड़ पर पहुंच गया जब यूक्रेन ने ईरान पर रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें सप्लाई करने का आरोप लगाया। इस गंभीर आरोप के बाद, यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने ईरान के वरिष्ठ राजनयिक शाहरियार अमौजेगर को तलब कर कड़ी चेतावनी दी। यूक्रेन का कहना है कि अगर यह साबित होता है कि तेहरान ने रूस को मिसाइलें दी हैं, तो इसका उनके द्विपक्षीय संबंधों पर “विनाशकारी और अपूरणीय परिणाम” होगा।
आरोप
यह विवाद तब भड़का जब अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स सीएनएन और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने पिछले सप्ताह अज्ञात सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि ईरान ने रूस को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हस्तांतरित की हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ये मिसाइलें रूस के यूक्रेन पर चल रहे युद्ध में इस्तेमाल की जा रही हैं, जो 2022 में शुरू हुए रूसी आक्रमण के बाद से अब भी जारी है।
इन रिपोर्ट्स ने पश्चिमी देशों और यूक्रेन में गंभीर चिंताएं पैदा कर दीं, क्योंकि रूस पहले ही कई उन्नत हथियारों का उपयोग कर रहा है और ईरानी मिसाइलों की आपूर्ति उसे और मजबूत कर सकती है। यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने इस सूचना को “विश्वसनीय” करार दिया, जिससे पश्चिमी देशों के बीच इस मामले पर और भी हलचल मच गई।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर तेजी से कार्रवाई करते हुए सोमवार को आधिकारिक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि ईरान के प्रभारी राजदूत शाहरियार अमौजेगर को तलब किया गया और उन्हें स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई कि यदि मिसाइल हस्तांतरण की रिपोर्ट सही पाई गई, तो यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने टेलीग्राम पर जारी बयान में कहा, “हमने कठोर शब्दों में ईरानी राजनयिक को चेतावनी दी है कि यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो द्विपक्षीय संबंधों में अपूरणीय नुकसान हो सकता है।”
ईरान का खंडन
दूसरी ओर, ईरान ने इन आरोपों का सख्त खंडन किया है। ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले को “मनोवैज्ञानिक युद्ध” करार दिया और रूस को मिसाइलें भेजने के आरोपों को निराधार बताया। ईरानी लेबर न्यूज एजेंसी (ILNA) के हवाले से ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर ब्रिगेडियर फजलुल्लाह नोज़ारी ने कहा, “रूस को कोई मिसाइल नहीं भेजी गई थी और यह दावा एक तरह का मनोवैज्ञानिक युद्ध है।”
ईरान की ओर से किए गए इस खंडन के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ईरान वास्तव में रूस को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है। रूस और ईरान के बीच पहले से ही मजबूत संबंध हैं, और दोनों देश कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक साथ खड़े नजर आते रहे हैं। हालाँकि, इस नए आरोप ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
रूस और ईरान के बीच सैन्य सहयोग: एक नजर
यह पहली बार नहीं है जब ईरान और रूस के बीच सैन्य सहयोग के आरोप लगे हैं। 2022 में, रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से, पश्चिमी देशों ने कई बार आरोप लगाए हैं कि ईरान ने रूस को ड्रोन और अन्य हथियार प्रदान किए हैं। कई रिपोर्टों में कहा गया था कि ईरान द्वारा निर्मित ड्रोन का उपयोग यूक्रेनी बुनियादी ढांचे पर हमलों के लिए किया गया है। हालांकि ईरान ने शुरू में इन आरोपों का खंडन किया था, बाद में उसने माना कि उसने रूस को कुछ हद तक ड्रोन की आपूर्ति की थी, लेकिन यह दावा किया कि यह युद्ध से पहले हुआ था।
अब, जब बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति के आरोप सामने आए हैं, यह स्पष्ट है कि रूस और ईरान के बीच सैन्य सहयोग पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान और बढ़ गया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पश्चिमी देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका, ने रूस और ईरान के बीच किसी भी प्रकार के सैन्य सहयोग पर कड़ी नजर रखी है। यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने मीडिया रिपोर्टों को “विश्वसनीय” कहा है, जो दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इन आरोपों को गंभीरता से ले रहा है। अगर रूस को मिसाइलें वास्तव में ईरान से मिली हैं, तो यह न केवल यूक्रेन युद्ध को और खतरनाक बना सकता है, बल्कि पश्चिमी देशों द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा कर सकता है।