Sales on Karwa Chauth :-इस साल की करवा चौथ की सेल पिछले साल की सेल से ज्यादा हुई , जिसमें 22,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। यह त्योहार पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है और देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देगा।
Sales on Karwa Chauth 2024 :-करवा चौथ का त्योहार अब सिर्फ एक पारंपरिक उत्सव नहीं रह गया है, बल्कि इसका बड़ा आर्थिक महत्व भी उभरकर सामने आ रहा है। हर साल इस त्योहार पर होने वाली खरीदारी से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है, और इस साल के आंकड़े इसका बेहतरीन उदाहरण हो सकते हैं। 20 अक्टूबर को पूरे देश में करवा चौथ मनाया जाएगा, और अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार त्योहार के दौरान 22,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा, जो पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी छलांग है।
पिछले साल करवा चौथ पर 1,500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, लेकिन इस बार इस आंकड़े में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। इसका मतलब है कि लोग इस त्योहार पर पहले से ज्यादा उत्साह के साथ खरीदारी कर रहे हैं। सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस बात पर जोर दिया है कि करवा चौथ का त्योहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी समर्थन देता है, क्योंकि इस दौरान स्थानीय वस्तुओं की मांग और बिक्री बढ़ती है।
पिछले कुछ हफ्तों से बाजारों में बड़ी चहल-पहल देखने को मिल रही है। लोग कपड़े, गहने, कॉस्मेटिक्स, गिफ्ट आइटम्स और पूजा से जुड़ी वस्तुओं की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इन चीजों की बिक्री से बाजारों में रौनक बढ़ी है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है।
गहनों की खरीदारी और ज्वैलर्स की उम्मीदें
गहनों की खरीदारी का भी इस त्योहार पर बड़ा योगदान रहता है। जहां पहले धनतेरस या अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी की खरीदारी का बोलबाला था, अब करवा चौथ भी इस सूची में शामिल हो गया है। इस त्योहार पर सोने और चांदी के गहनों की बिक्री काफी बढ़ गई है। इसके अलावा, चांदी के करवा भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें महिलाएं पूजा के दौरान इस्तेमाल करती हैं।
ज्वैलर्स के लिए करवा चौथ का त्योहार कई मायनों में खास होता जा रहा है। इस त्योहार पर होने वाली गहनों की खरीदारी से उन्हें यह अंदाजा हो जाता है कि आने वाले दिनों, खासकर धनतेरस और शादी के सीजन में, उनकी बिक्री कैसी रहेगी।
Product की बढ़ती मांग
करवा चौथ पर सिर्फ गहने ही नहीं, बल्कि कपड़े, साड़ियां, बर्तन, छलनी, और कांच की चूड़ियां भी धड़ल्ले से बिक रही हैं। महिलाओं की साज-सज्जा से जुड़े मेकअप प्रोडक्ट्स और सजावटी सामान की भी मांग बढ़ रही है, जिससे छोटे और बड़े व्यवसायियों को इस समय काफी लाभ हो रहा है।
इस त्योहार के दौरान बाजार में आई यह उछाल न केवल पारंपरिक व्यवसायों को सपोर्ट कर रही है, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी बड़े स्तर पर खरीदारी हो रही है। ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से लोग आसानी से अपने पसंदीदा वस्त्र और गहने खरीद पा रहे हैं, जिससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को भी फायदा हो रहा है।
त्योहार
करवा चौथ अब केवल एक पारिवारिक या धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि इसका बड़ा आर्थिक पहलू भी है। इससे कपड़े, ज्वैलरी, बर्तन, और कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री को जबरदस्त बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह त्योहार ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को भी आगे बढ़ाता है, क्योंकि अधिकतर खरीदारी स्थानीय बाजारों और विक्रेताओं से होती है।
संक्षेप में, करवा चौथ का त्योहार अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है। इस साल 22,000 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान देश की आर्थिक गतिविधियों में इस त्योहार की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। चाहे वह गहने हों, कपड़े हों, या फिर पूजा सामग्री, हर क्षेत्र में इस त्योहार ने बाजार में नई ऊर्जा भर दी है।