Sambhal-उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, यहां तीस साल से बंद पड़े हनुमान मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग पाया गया है। जाने इसके बारे में ?
Sambhal:-उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के मोहल्ले में स्थित एक हनुमान मंदिर, जो पिछले 30 वर्षों से बंद था, अब खुल चुका है। मंदिर की सफाई के दौरान वहां भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति मिली है। यह खबर सुनकर हिंदू समाज में उत्साह और आस्था की नई लहर दौड़ गई है।
कैसे हुआ मंदिर का खुलासा?
यह घटना तब सामने आई जब पुलिस बिजली चोरी के मामलों की जांच के लिए इलाके में छापा मारने गई। जांच के दौरान प्रशासन को यह पता चला कि इलाके के खग्गू सराय मोहल्ले में एक पुराना हनुमान मंदिर है, जो तीन दशकों से बंद पड़ा था। इस मंदिर को अतिक्रमण करके बंद कर दिया गया था, और तब से यहां पूजा-अर्चना बंद थी।
मंदिर में चारों ओर धूल, गंदगी और कूड़े का ढेर लगा हुआ था। जब पुलिस और प्रशासन ने मंदिर के ताले खोले, तो अंदर शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्ति देखने को मिली। मंदिर की सफाई का कार्य पुलिसकर्मियों ने खुद अपने हाथों से किया।
लोगों ने क्या कहा?
मंदिर खुलने के बाद आसपास के स्थानीय लोग इसे देखने पहुंचे। कई लोगों ने बताया कि यह मंदिर 30 साल पहले सक्रिय था, और यहां भजन-कीर्तन होता था। लेकिन इलाके में बढ़ते तनाव और जान का खतरा होने के डर से लोग यहां पूजा करने नहीं आ पाए। स्थानीय निवासियों का कहना है, “अगर हम भजन-कीर्तन करते, तो हमें जान से मार दिया जाता। इसी डर से पूजा बंद करनी पड़ी।”
प्रशासन की कार्रवाई
यह मंदिर नखासा थाना क्षेत्र के मोहल्ला खग्गू सराय में स्थित है। प्रशासन ने इसे अवैध रूप से बंद घोषित किया और फिर से खोलने का आदेश दिया। संभल के डीएम और एसपी की संयुक्त कार्रवाई के दौरान यह मंदिर सामने आया। पुलिस ने मंदिर का ताला खोला और शिवलिंग व मूर्तियों की सफाई कराई।
जामा मस्जिद सर्वे
गौरतलब है कि इस समय संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर माहौल पहले से ही गर्म है। इस मसले के कारण क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। इसी बीच इस मंदिर का खुलासा होने से यह घटना और भी चर्चा में आ गई है।
हिंदू समाज
मंदिर के खुलने और शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू समुदाय में उत्साह का माहौल है। लोगों का कहना है कि इतने सालों बाद मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू होगी। उन्होंने प्रशासन की इस पहल की सराहना की है और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह घटना धार्मिक आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनी रहे और लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं का पालन स्वतंत्र रूप से कर सकें।