Share Market:-नवंबर के बाद से शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और दिसंबर में भी यह दबाव लगातार बना हुआ है। जाने पूरी खबर ? 

Share Market:-दिसंबर का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए अब तक बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। नवंबर के बाद भी बाजार में जारी बिकवाली रुकने का नाम नहीं ले रही है। सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट के चलते निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। बुधवार को शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गई।
बाजार का हाल
बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 502.25 अंकों की गिरावट के साथ 80,182.20 अंकों पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय 634.38 अंक गिरकर 80,050.07 तक पहुंच गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 137.15 अंकों की गिरावट के साथ 24,198.85 पर बंद हुआ।
गिरावट
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार भारी बिकवाली ने बाजार को दबाव में डाल दिया है। मंगलवार को एफआईआई ने करीब 6,409.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार की अल्पकालिक संरचना कमजोर हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में उछाल आने पर यह बिकवाली और बढ़ सकती है।
- फेडरल रिजर्व का प्रभाव: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत ब्याज दरों में कटौती पर फैसला आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है। यह भी बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाल रहा है।
- विशेष क्षेत्रों में दबाव: उपयोगिता, पूंजीगत उत्पाद और धातु सेक्टर के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। इनमें टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और बजाज फाइनेंस के शेयरों में गिरावट रही।
कुछ शेयरों में बढ़त
हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ कंपनियों के शेयरों ने मजबूती दिखाई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
एशिया के अन्य बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक बढ़त पर रहे, जबकि जापान का निक्केई गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि ऊंचे स्तर पर एफआईआई की बिकवाली से बाजार की स्थिति कमजोर हो रही है। उनका मानना है कि जब भी बाजार में थोड़ी तेजी आएगी, तब और बिकवाली हो सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
ऐसे समय में निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें। बाजार में गिरावट के दौरान दीर्घकालिक निवेश की संभावनाओं पर ध्यान दें और विशेषज्ञों की राय के आधार पर कदम उठाएं।