Share Market:-इंडियन शेयर मार्केट कल तक बस सही था वो आज क्या हुआ की यह गिरावट आ गई है इसके पीछे क्या कारण रहा है , कौनसे इंडस्टी शामिल आएगे जानते है…. 

Share Market 2024:-भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को आई भारी गिरावट ने निवेशकों को काफी चिंतित कर दिया है। बीएसई सेंसेक्स 953 अंकों की बड़ी गिरावट के साथ 81,248 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 286 अंकों की गिरावट के साथ 24,859 के स्तर पर बंद हुआ। इस गिरावट के बाद, बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4.46 लाख करोड़ रुपये घटकर 461.22 लाख करोड़ रुपये हो गया। निवेशकों के लिए यह एक झटका था, और इससे कई सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस समय पोर्टफोलियो को हल्का करना चाहिए, या यह एक अस्थायी गिरावट है और जल्द ही बाजार में सुधार होगा।
1. अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों पर चिंता
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी श्रम बाजार के आंकड़ों को लेकर निवेशकों की चिंता रही। अमेरिकी नौकरियों की महत्वपूर्ण नॉन-फार्म पे-रोल रिपोर्ट के जारी होने से पहले निवेशक सतर्क हो गए थे। इस रिपोर्ट से यह तय होगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं।
फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में कहा था कि श्रम बाजार में कमजोरी नहीं चाहिए, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। यदि बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी होती है और आंकड़े उम्मीद से कमजोर आते हैं, तो फेडरल रिजर्व 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है, जिससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता और बढ़ सकती है। इसी अनिश्चितता ने भारतीय बाजार में भी गिरावट को जन्म दिया।
2. बैंकिंग क्षेत्र में गिरावट
शेयर बाजार में गिरावट का एक और प्रमुख कारण बैंकिंग शेयरों में गिरावट रही। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजे आंकड़ों के अनुसार, जून 2024 तिमाही में जमा राशि में 11.7% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बैंक क्रेडिट में 15% की वृद्धि हुई। यह अंतर बढ़ने से निवेशकों के बीच तरलता संकट की चिंता बढ़ गई, जिससे बैंकिंग शेयरों में बिकवाली हुई। बैंकिंग क्षेत्र में गिरावट ने पूरे बाजार को प्रभावित किया और निवेशकों की भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
3. वैश्विक मंदी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली
भारतीय बाजारों में यह गिरावट वैश्विक बाजारों की मंदी के कारण भी आई। अमेरिका के प्रमुख शेयर सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई, जहां एसएंडपी 500, डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट में गिरावट दर्ज की गई। एशियाई बाजारों में भी निक्केई और कोस्पी में गिरावट दर्ज की गई, जिससे भारतीय बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। इसके साथ ही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 5 सितंबर को 688 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,970 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार में गिरावट को बढ़ावा दिया।
4. कच्चे तेल की कीमतें
कच्चे तेल की स्थिर कीमतें भी बाजार में अनिश्चितता का कारण बनीं। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 72.7 डॉलर प्रति बैरल और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था। यह स्थिति निवेशकों को असमंजस में डाल रही थी, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव होता है। इस स्थिरता ने भी निवेशकों की चिंताओं को कम नहीं किया।
5. आईटी क्षेत्र में मॉर्गन स्टेनली की सिफारिशें
इस बीच, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने आईटी सेक्टर को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है। फर्म का मानना है कि आईटी क्षेत्र में मौजूदा तेजी अभी समाप्त नहीं हुई है, और बैंकिंग तथा वित्तीय सेवाओं में खर्च बढ़ने की संभावना है, जिससे आईटी कंपनियों को आगे भी ग्रोथ मिल सकती है। मॉर्गन स्टेनली ने आईटी कंपनियों के लिए निम्नलिखित सिफारिशें दी हैं:
- टीसीएस (TCS): इसे ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी गई है और टार्गेट प्राइस बढ़ाकर ₹4,910 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- इन्फोसिस (Infosys): इसे भी ‘ओवरवेट’ बताया गया है और इसका टार्गेट प्राइस बढ़ाकर ₹2,150 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies): इस स्टॉक को ‘इक्वलवेट’ में डाउनग्रेड किया गया है और इसका टार्गेट प्राइस ₹1,840 प्रति शेयर रखा गया है।
- एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree): इसे ‘ओवरवेट’ में अपग्रेड किया गया है और टार्गेट प्राइस ₹7,050 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- विप्रो (Wipro): इसे ‘अंडरवेट’ रेटिंग दी गई है और टार्गेट प्राइस ₹500 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- टेक महिंद्रा (Tech Mahindra): इसे ‘इक्वलवेट’ रेटिंग दी गई है और टार्गेट प्राइस ₹1,680 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (L&T Technology Services): टार्गेट प्राइस ₹4,730 प्रति शेयर कर दिया गया है।
- टाटा एलेक्सी (Tata Elxsi): इसका टार्गेट प्राइस ₹6,860 प्रति शेयर कर दिया गया है।
भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को आई गिरावट के पीछे कई बड़े कारण हैं, जिनमें अमेरिकी नौकरियों के आंकड़े, बैंकिंग सेक्टर की समस्याएं, वैश्विक बाजारों में गिरावट, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता शामिल हैं। हालांकि, आईटी सेक्टर में मौजूदा तेजी और कुछ कंपनियों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण ने यह संकेत दिया है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है।