Share Market:दिल्ली चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के बावजूद शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी में भारी दबाव

दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बंपर जीत के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में कोई सकारात्मक असर देखने को नहीं मिला,जाने मार्केट का हाल ? Share Market

Share Market:दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 26 साल बाद सत्ता में वापसी की। पार्टी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को 40 सीटों का नुकसान हुआ और वह 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता नहीं खोल पाई। वोट शेयर की बात करें तो भाजपा को 45.56% वोट मिले (2020 में 38.51%), जबकि AAP का वोट शेयर 53.57% से घटकर 43.57% रह गया।

अब सवाल यह उठता है कि जब भाजपा ने इतनी बड़ी जीत हासिल की, तो शेयर बाजार में इसका जश्न क्यों नहीं दिखा? उल्टा, बाजार में कई सौ अंकों की गिरावट क्यों आई?

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📉 शेयर बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण

1️⃣  अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स का असर

शेयर बाजार सिर्फ चुनावी नतीजों से नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक हालात से भी प्रभावित होता है। अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.4% के ऊपर पहुंच गई और डॉलर इंडेक्स 108 से ऊपर चला गया। इसका मतलब यह हुआ कि विदेशी निवेशक (FII – Foreign Institutional Investors) भारत जैसे उभरते बाजारों से पैसा निकालकर अमेरिका में निवेश कर रहे हैं। जब एफआईआई भारतीय बाजार से पैसा निकालते हैं, तो बाजार गिरने लगता है।

2️⃣ रुपया कमजोर होने से निवेशकों की चिंता बढ़ी

सोमवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.95 के नए ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया। जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेशी निवेशकों (FII) के लिए भारतीय बाजार में निवेश करना कम आकर्षक हो जाता है। कमजोर रुपया यह भी दिखाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं।

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3️⃣ एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं

शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की भूमिका अहम होती है। जब वे लगातार शेयर बेचते रहते हैं, तो बाजार में गिरावट आती है। इस समय विदेशी निवेशक हर तेजी (rally) पर शेयर बेच रहे हैं, जिससे बाजार में कोई स्थायी उछाल नहीं आ पा रही।

4️⃣ दिल्ली चुनाव का असर बाजार पर सीमित रहा

भाजपा की जीत भले ही राजनीतिक रूप से बड़ी खबर हो, लेकिन बाजार को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार को एक स्थायी रैली (लगातार तेजी) के लिए मजबूत आर्थिक सुधार और नीतिगत स्थिरता की जरूरत होती है। सिर्फ चुनावी नतीजे बाजार में लंबी तेजी नहीं ला सकते।

5️⃣ अमेरिकी ट्रेड टैरिफ की आशंका से बाजार डरा हुआ है

अमेरिका में ट्रेड टैरिफ (आयात शुल्क) बढ़ाने की चर्चा हो रही है, जिससे भारतीय कंपनियों के लिए वहां व्यापार करना मुश्किल हो सकता है। यह भी एक कारण है कि निवेशकों ने बाजार में बिकवाली शुरू कर दी।

📊 सोमवार को बाजार में कितनी गिरावट आई?

🔻 बीएसई सेंसेक्स: 603.97 अंकों (0.78%) की गिरावट के साथ 77,256.22 पर
🔻 निफ्टी 50: 189.10 अंकों (0.80%) की गिरावट के साथ 23,370.85 पर
🔻 निफ्टी बैंक: 389.65 अंकों (0.78%) की गिरावट के साथ 49,769.20 पर

🏆 अब आगे बाजार का रुख क्या रहेगा?

1️⃣ यदि डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट आती है, तो भारतीय बाजार में फिर से तेजी आ सकती है।
2️⃣ आरबीआई अगर रुपये को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप करता है, तो बाजार में स्थिरता आ सकती है।
3️⃣ विदेशी निवेशक (FII) फिर से भारतीय बाजार में निवेश शुरू करें, तो बाजार में उछाल आ सकती है।

हालांकि, अभी बाजार में मंदी (correction) जारी रह सकती है, जब तक कि कोई मजबूत सकारात्मक संकेत नहीं मिलता।

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