Shimla Masjid:-हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली इलाके में अवैध मस्जिद का निर्माण को लेकर विवाद अब जोरो पर है इसके चलते ही वक्फ बोर्ड ने भी मान लिया है की संजौली में मस्जिद का निर्माण अवैध है आएगे जानते है इसके बारे में…. 

Shimla Masjid Controversy:-हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के संजौली इलाके में मस्जिद (Sanjauli Masjid Issue) के अवैध निर्माण का मामला इन दिनों काफी चर्चा में है। इस मसले ने गुरुवार को और भी ज्यादा सुर्खियां तब बटोरीं जब हिंदू संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया। यह विवाद स्थानीय प्रशासन, वक्फ बोर्ड, और जनता के बीच गहराता जा रहा है। यहां तक कि राज्य सरकार ने भी माना है कि इस मस्जिद के ऊपरी मंजिलें अवैध रूप से बनाई गई हैं, और वक्फ बोर्ड ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
अवैध निर्माण का मामला
वक्फ बोर्ड के शिमला स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने बातचीत के दौरान बताया कि मस्जिद की ऊपरी मंजिलें अवैध रूप से बनाई गई हैं। इसके साथ ही वक्फ बोर्ड ने अब पूरी मस्जिद को अपने अधीन ले लिया है और मस्जिद में किसी भी बाहरी व्यक्ति के रहने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। साथ ही, मस्जिद के इमाम को भी हटाने का आदेश दिया गया है। वक्फ बोर्ड के अनुसार, इससे पहले भी बाहरी राज्यों के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा किए गए अवैध कब्जों को हटाया जा चुका है।
स्थानीय प्रदर्शन और हिंदू संगठनों का विरोध
गुरुवार को हिंदू जागरण मंच ने संजौली और चौड़ा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की। इस विरोध के चलते शहर की सामान्य गतिविधियों में भी रुकावट आई, और चार घंटे तक गाड़ियों की आवाजाही बंद रही। हालांकि, पुलिस बल की उपस्थिति के बावजूद प्रदर्शन शांति से हुआ। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को 2 दिन का समय दिया है ताकि अवैध निर्माण को तोड़ा जा सके।
मस्जिद में आंतरिक विवाद
इस मामले में विशेष समुदाय के भीतर भी विवाद की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि इस मस्जिद पर उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया था और वही इसका देखरेख कर रहा था। नगर निगम ने शुरुआत में इसी व्यक्ति को मामले में पार्टी बनाया था, लेकिन बाद में पता चला कि उस व्यक्ति का मस्जिद पर कोई वैध अधिकार नहीं है। इसके बाद वक्फ बोर्ड को इस मामले में पक्षकार बनाया गया और उन्हें नोटिस जारी किया गया।
नगर निगम कोर्ट में सुनवाई
शनिवार को शिमला नगर निगम कोर्ट में इस मसले की सुनवाई होनी है, जिसके चलते प्रदेशभर की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। सुनवाई के दिन शहर में तनाव की स्थिति बन सकती है, क्योंकि यह मुद्दा काफी संवेदनशील है। शुक्रवार को हालांकि स्थिति सामान्य रही, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है, और रिजर्व पुलिस बल अभी भी मौके पर तैनात है।
कुसुमपट्टी मस्जिद का विवाद
सिर्फ संजौली ही नहीं, कुसुमपट्टी इलाके में भी बनी मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। यहां भी स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है, जिससे इस पूरे मसले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया है।
सरकारी दृष्टिकोण और मंत्री का बयान
राज्य के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ है और यह जमीन सरकारी है, जिस पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा किया हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 15 सालों से इस मामले की सुनवाई चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है।
शिमला के संजौली मस्जिद का यह मामला धीरे-धीरे एक बड़े विवाद का रूप लेता जा रहा है, जिसमें प्रशासन, वक्फ बोर्ड, और जनता तीनों की भूमिका अहम है। अब यह देखना होगा कि नगर निगम कोर्ट की सुनवाई के बाद क्या निर्णय लिया जाता है और इसका स्थानीय शांति और सामाजिक ढांचे पर क्या असर पड़ता है।