“1 फरवरी 2011 – एक ऐसा दिन जिसे याद कर आज भी रूह कांप उठती है। 23 साल की सौम्या, जो अपनी सगाई के लिए घर लौट रही थी, उसे क्या पता था कि उसकी ज़िंदगी की आखिरी यात्रा शुरू हो चुकी है। जाने पूरी खबर ? 

Soumya Case:-1 फरवरी 2011 – ये तारीख आज भी बहुत से लोगों के दिल और दिमाग में डर और गुस्से की तस्वीर लेकर आती है। यही वो दिन था जब 23 साल की एक मासूम लड़की, सौम्या, के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को झकझोर दिया था। और अब, करीब 14 साल बाद, ये केस एक बार फिर चर्चा में है। कारण है – इस केस का दोषी गोविंदचामी, जो उम्रकैद की सजा काट रहा था, कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया।
हालांकि पुलिस ने उसे 10 घंटे के भीतर दोबारा पकड़ लिया, लेकिन इस बीच जो हुआ, उसने फिर से सौम्या की उस भयानक रात की याद दिला दी है।
🚆 क्या हुआ था 1 फरवरी 2011 को?
सौम्या कोच्चि के एक सुपरमार्केट में बतौर असिस्टेंट काम करती थी। वो अपनी सगाई के लिए घर लौट रही थी, और इसके लिए उसने एक पैसेंजर ट्रेन पकड़ी जो उसे शोरनुर लेकर जा रही थी। ट्रेन में वो लेडीज़ डिब्बे में अकेली बैठी थी।
ट्रेन जैसे ही चलने लगी, एक शख्स डिब्बे में घुस आया – गोविंदचामी। वो एक अपराधी प्रवृत्ति का आदमी था, जिसका इरादा लूटपाट और उससे भी ज्यादा कुछ करने का था।
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पहले उसने सौम्या से लूटपाट करने की कोशिश की।
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जब सौम्या ने इसका विरोध किया, तो उसने उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया।
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फिर खुद भी ट्रेन से कूदा।
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उसने ट्रेन से गिरी सौम्या के साथ बलात्कार किया, और
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फिर उसे बुरी तरह पीटकर अधमरी हालत में छोड़कर फरार हो गया।
अगले दिन सौम्या रेलवे ट्रैक के पास जख्मी हालत में मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन 6 फरवरी 2011 को उसकी मौत हो गई।
⚖️ कोर्ट का फैसला और सजा का सफर
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2012 में, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंदचामी को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि ये अपराध इतना घिनौना है कि इसे माफ नहीं किया जा सकता।
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2013 में, हाई कोर्ट ने इस सजा को सही ठहराया।
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लेकिन 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या का आरोप हटाकर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
तब से गोविंदचामी जेल में उम्रकैद काट रहा था।
🚨 फिर क्यों चर्चा में है केस? आरोपी जेल से भाग निकला!
24 जुलाई 2025 की सुबह करीब 4 बजे, कन्नूर सेंट्रल जेल में कैदियों की गिनती की जा रही थी। उसी समय पता चला कि गोविंदचामी अपनी जगह पर नहीं है। ये खबर मिलते ही जेल प्रशासन के होश उड़ गए।
👉 कैसे भागा?
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उसने कंबलों की मदद से जेल की दीवार फांदी।
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उस समय बिजली बंद थी और इलेक्ट्रिक फेंसिंग काम नहीं कर रही थी।
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यह एक बड़ी सुरक्षा चूक मानी जा रही है।
👣 फिर कैसे पकड़ा गया गोविंदचामी?
कुछ ही घंटों बाद, स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक संदिग्ध आदमी को सुनसान इमारत के पास देखा है।
पुलिस जब वहां पहुंची, तो वो आदमी भागने लगा और भागते-भागते एक पुराने कुएं में कूद गया।
शायद उसे लगा कि पुलिस उसे पकड़ नहीं पाएगी।
लेकिन पुलिस ने बिना देर किए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और मीडिया के कैमरों के सामने उसे कुएं से बाहर निकाला।
😲 ध्यान देने वाली बात:
गोविंदचामी एक हाथ से विकलांग है, उसका एक हाथ पहले से कटा हुआ है। इसके बावजूद उसने अकेले जेल की दीवार फांदकर भागने की हिम्मत दिखाई – जो अपने आप में चौंकाने वाला है।
🧩 अब क्या सवाल उठते हैं?
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इतनी बड़ी सुरक्षा चूक जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।
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क्या एक खतरनाक अपराधी को जेल में उचित निगरानी में नहीं रखा गया था?
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क्या सौम्या के परिवार को फिर से मानसिक आघात नहीं झेलना पड़ा?