Thane News:-महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति पर अपनी पत्नी को तीन तलाक देने, उसके साथ मारपीट करने और दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने का आरोप लगा है। जाने पूरा मामला ? 

Thane News:-महाराष्ट्र के ठाणे जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में पति पर तीन तलाक, दहेज की मांग, और मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का आरोप है।
पीड़िता की शिकायत:
भिवंडी इलाके में रहने वाली 26 वर्षीय महिला ने बताया कि शादी के बाद से ही उसके पति और ससुराल वाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे।
महिला ने दावा किया कि:
- मार्च 2022 से उसे लगातार प्रताड़ना झेलनी पड़ी।
- 50,000 रुपये की मांग करते हुए दहेज न लाने का ताना दिया गया।
- जब उसने पैसे देने से मना किया, तो उसके साथ बुरा व्यवहार किया गया।
- एक बार तो आरोपियों ने उसके हाथ-पैर बांधकर उसकी पिटाई की और उसे जान से मारने की धमकी दी।
- इतना ही नहीं, पति ने 2019 में प्रतिबंधित तीन तलाक का सहारा लेते हुए शादी खत्म करने की घोषणा कर दी।
तीन तलाक :
भारत में तीन तलाक पर 2019 में सख्त कानून बनाया गया था। इस कानून के तहत तीन तलाक देना अब अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें दोषी पाए जाने पर सजा का प्रावधान है।
कानूनी :
महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने:
- पति,
- सास,
- दो ननदें, और
- एक बहनोई
के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन सभी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस की कार्रवाई:
शांति नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि पीड़िता को मानसिक और शारीरिक रूप से लंबे समय तक प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।
यह मामला न केवल कानून के उल्लंघन का है, बल्कि यह दिखाता है कि समाज में दहेज प्रथा और महिला उत्पीड़न जैसे मुद्दे अभी भी खत्म नहीं हुए हैं। साथ ही, यह घटना तीन तलाक पर बने कानून की अहमियत को भी रेखांकित करती है, जो महिलाओं को इस प्रकार के अत्याचार से बचाने के लिए बनाया गया था।
ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। दहेज जैसी प्रथाएं न केवल कानूनी अपराध हैं, बल्कि समाज के लिए भी घातक हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।