दिल्ली के लाहौरी गेट इलाके में रहने वाली एक तलाकशुदा महिला को एक दिन अचानक एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाला व्यक्ति खुद को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का अधिकारी बताने लगा , जाने पूरी जानकारी इस ब्लॉग में ? 

The cyber thugs News:-दिल्ली के लाहौरी गेट इलाके में रहने वाली एक तलाकशुदा महिला पिछले कुछ वक्त से मानसिक रूप से बहुत परेशान थी। लेकिन जो कुछ उसके साथ हुआ, उसने उसकी जिंदगी को झकझोर कर रख दिया।
महिला को एक दिन अचानक एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उसके नाम पर किसी ने फर्जी सिम कार्ड जारी करवाया है, जो किसी अपराध में इस्तेमाल हो रहा है।
महिला पहले तो डर गई। लेकिन इसके बाद शुरू हुआ असली खेल।
📹 फर्जी अधिकारियों के वीडियो कॉल और धमकियां
इस कॉल के बाद महिला को व्हाट्सएप पर कई वीडियो कॉल आने लगे। कॉल करने वाले खुद को CBI और ED के अधिकारी बता रहे थे। उन्होंने महिला से कहा कि उसका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है और उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।
झूठी सरकारी भाषा में बात करते हुए उन्होंने उसे सुप्रीम कोर्ट, CBI, और ED के नाम पर फर्जी दस्तावेज भी भेजे। महिला डर के मारे कुछ समझ नहीं पाई।
⛓️ 48 घंटे का “डिजिटल अरेस्ट”
इन आरोपियों ने महिला को 5 मार्च की सुबह से लेकर 7 मार्च की शाम तक लगातार वीडियो कॉल पर बनाए रखा, जिसे अब पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” कहा है।
इस दौरान महिला अकेली नहीं थी — उसकी बूढ़े पिता और छोटी बेटी भी उसके साथ थे। डर इतना था कि उसने किसी को भी कुछ नहीं बताया और आरोपियों की हर बात मानती चली गई।
उन्होंने महिला से कहा कि अगर वो चाहती है कि उसका नाम इस केस से हट जाए तो उसे ₹8,10,000 ट्रांसफर करने होंगे। डर के मारे महिला ने इतने पैसे आरोपियों के बताए खातों में भेज दिए।
💡 जब खुली आंख और हुई रिपोर्ट
ठगी का एहसास होते ही महिला ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज की। इसके बाद उत्तर जिला साइबर पुलिस ने 24 मार्च को FIR दर्ज की और जांच शुरू की।
🕵️♂️ जांच में क्या-क्या निकला सामने?
पुलिस ने पहले फोन नंबरों की CDR (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) खंगाले और फिर महिला के भेजे पैसों की लेन-देन हिस्ट्री निकाली। जांच से पता चला कि ये पूरा गिरोह बहुत ही सोच-समझकर काम कर रहा था।
पुलिस ने जमरूदपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश और ग्रेटर कैलाश जैसे इलाकों में छापेमारी की और 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
👮♂️ गिरफ्तार हुए आरोपी कौन हैं?
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राजा मंडल (27 वर्ष)
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जमरूदपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश का रहने वाला
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10वीं पास
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पहले Swiggy डिलीवरी ब्वॉय था
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फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने वाला शख्स
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तुषार थापा (23 वर्ष)
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अंबेडकर नगर, दिल्ली का रहने वाला
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12वीं पास
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लोगों से बैंक खाते खुलवाता था और उन्हें फर्जी सिम भी देता था
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सौरभ तिवारी (23 वर्ष)
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जमरूदपुर, दिल्ली
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12वीं पास
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तुषार का दोस्त और खाते उपलब्ध कराने वाला एजेंट
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अनूप कुमार तिवारी (23 वर्ष)
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न्यू मोती बाग, दिल्ली का रहने वाला
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कैब ड्राइवर
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इसके खाते में ठगी के ₹18 लाख आए थे, जिन्हें चेक और ATM से निकाला गया
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🧾 ठगी का तरीका क्या था?
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सौरभ और तुषार आसपास के गरीब और बेरोजगार लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे
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इन खातों को साइबर ठगी में इस्तेमाल करते थे
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इन खातों से जुड़े नंबरों पर OTP और बैंक अलर्ट आते थे
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बैंक से पैसे निकालकर उन्हें किसी तीसरे व्यक्ति के हवाले कर दिया जाता था
राजा मंडल और अनूप तिवारी जैसे लोग फर्जी अकाउंट होल्डर बनते थे और बाद में उनका इस्तेमाल ठगी में किया जाता।
अगर उस तलाकशुदा महिला ने हिम्मत न दिखाई होती, तो शायद ये गिरोह आज भी कई मासूम लोगों को अपने जाल में फंसा रहा होता। उसने अपनी डर और शर्म को किनारे रखकर अपनी कहानी पुलिस को सुनाई और उसी की वजह से आज चार आरोपी जेल की सलाखों के पीछे हैं।
⚠️ आपके लिए जरूरी चेतावनी
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अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर धमकाए, तो पहले उसकी पहचान की पुष्टि करें
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कभी भी किसी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर डरकर पैसे न भेजें
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किसी को भी OTP या बैंक डिटेल्स न दें
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ऐसे मामलों में NCRP पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर तुरंत शिकायत दर्ज करें