Dulha News:-शादी को जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा माना जाता है, जहां दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार खुशी-खुशी नए रिश्ते की शुरुआत करते हैं। जाने इसके बारे में ? 

Dulha Dulhan News:-शादी का रिश्ता भरोसे और प्यार पर टिका होता है, लेकिन आज भी कई परिवारों में दहेज प्रथा की वजह से रिश्ते टूट जाते हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया, जहां एक दूल्हे ने शादी के दौरान दहेज की मांग रखी, लेकिन जब दुल्हन के परिवार ने यह मांग पूरी करने से मना कर दिया, तो दूल्हे ने शादी से ही इंकार कर दिया। इसके बाद यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने दूल्हे को दोषी ठहराते हुए उसे 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला तमिलनाडु का है, जहां एम वेंकटेश्वरन नाम के व्यक्ति ने शादी के दौरान अपनी दुल्हन श्रीदेवी के परिवार से दहेज में 100 सोने की मांग रखी। जब दुल्हन के परिवार ने इस मांग को पूरा करने से मना कर दिया, तो दूल्हे ने शादी समारोह में सहयोग करने से इनकार कर दिया और रिश्ता तोड़ दिया।
इस घटना के बाद दुल्हन ने कानूनी रास्ता अपनाया और मामला कोर्ट तक पहुंचा। पहले मद्रास हाई कोर्ट ने दूल्हे को दोषी ठहराया और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखते हुए वेंकटेश्वरन को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन और एसवी भट्टी की बेंच ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत एम वेंकटेश्वरन को दोषी माना।
कोर्ट ने कहा कि दहेज की मांग पूरी न होने की वजह से शादी तोड़ना क्रूरता के दायरे में आता है और यह दहेज कानून का उल्लंघन भी है। इसलिए दूल्हे को अपनी पत्नी को 3 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा।
शादी सिर्फ 3 दिन चली थी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह शादी साल 2006 में हुई थी, लेकिन सिर्फ 3 दिनों के अंदर ही टूट गई। इसके बाद 2007 में वेंकटेश्वरन, उनके दिवंगत पिता और भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
वेंकटेश्वरन पर IPC की धारा 498A (पत्नी के साथ क्रूरता), धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया गया था।
दहेज प्रथा
यह घटना दिखाती है कि भारत में आज भी कई शादियों में दहेज की मांग की जाती है, जिससे कई लड़कियां और उनके परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान होते हैं। सरकार ने दहेज को रोकने के लिए कई कड़े कानून बनाए हैं, लेकिन फिर भी कई लोग इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए एक सबक है जो शादी को लेन-देन का सौदा समझते हैं। यह फैसला यह भी दिखाता है कि अब कानून ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई कर रहा है ताकि दहेज प्रथा को जड़ से खत्म किया जा सके।
ALLSTARS15