‘True Promise 3’ ऑपरेशन से कांपा इज़रायल, Iran का जबरदस्त पलटवार

ईरान और इज़रायल के बीच जारी तनाव अब एक खौफनाक जंग में बदल चुका है। शनिवार रात जो हुआ, उसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। जाने पूरा मामला ? iran vs israel

iran vs israel war:-इस बार लड़ाई सिर्फ चेतावनियों तक सीमित नहीं रही — बल्कि मिसाइलों और बमों की बरसात ने इसे खून-खराबे में बदल दिया है। इज़रायल ने जहां ईरान की राजधानी तेहरान के एटमी (परमाणु) ठिकानों को निशाना बनाया, वहीं ईरान ने भी ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ नामक ऑपरेशन के तहत इज़रायली राजधानी तेल अवीव पर मिसाइलों की बरसात कर दी।

📍 क्या हुआ शनिवार रात?

शनिवार रात ईरानी सेना ने इज़रायल के कई शहरों को निशाना बनाया, जिनमें बट याम और रेहोवोत जैसे इलाके प्रमुख थे। ये इलाके तेल अवीव के दक्षिण में स्थित हैं, जहां धमाकों की आवाजें देर रात तक गूंजती रहीं।

मिसाइल हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई और 207 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई इमारतें पूरी तरह ढह चुकी हैं, और गाड़ियाँ जलकर खाक हो चुकी हैं।

💥 ‘Fattah-1’ हाइपरसोनिक मिसाइल का पहली बार इस्तेमाल

इस हमले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि ईरान ने पहली बार अपने ‘Fattah-1’ हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। ये मिसाइलें इतनी तेज़ हैं कि इज़रायल की फेमस डिफेंस सिस्टम ‘आयरन डोम’ भी इन्हें रोक नहीं पाया।

ईरानी सेना के मुताबिक, ‘Fattah-1’ इतनी तेजी से दिशा बदल सकती है कि रडार और डिफेंस सिस्टम तक उसे पहचान नहीं पाते। यही वजह है कि इस हमले में आयरन डोम नाकाम साबित हुआ।

🔥 जमीन पर तबाही का मंजर

हमले के बाद तेल अवीव के बाहरी इलाके में मानो तबाही का दृश्य नजर आ रहा है। सड़कों पर टूटी-फूटी गाड़ियाँ, जले हुए घर, शीशे के टुकड़े, और गिर चुकीं इमारतें साफ दिखाई दे रही हैं।

राहतकर्मी ड्रोन की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि कुछ जगहों पर पहुंचना अब भी मुश्किल है। बहुत से स्थानीय लोग अपने बैग और सूटकेस लेकर इलाके से भागते हुए देखे गए।

🇮🇱 इज़रायल का जवाबी हमला

इस हमले के कुछ घंटों बाद ही इज़रायली सेना ने जवाबी कार्रवाई की। रविवार तड़के इज़रायल ने दावा किया कि उन्होंने तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर हमला किया है।

इसके अलावा, उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई ठिकानों को भी निशाना बनाया है। इज़रायली सेना का कहना है कि ये सभी ठिकाने ईरान की परमाणु हथियार परियोजना से जुड़े थे।

हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) का कहना है कि अब तक ऐसा कोई पक्का सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने का निर्णायक कदम उठाया हो।

⚔️ क्यों हुआ यह हमला?

दरअसल, यह हमला ईरान की तरफ से एक बड़ा बदला माना जा रहा है। 12 जून को इज़रायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ चलाया था, जिसमें ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी मारे गए थे।

उस हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने साफ चेतावनी दी थी कि इज़रायल को अब ‘हिट एंड रन’ की इजाजत नहीं दी जाएगी। और अब उसी चेतावनी का नतीजा दुनिया ने ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ ऑपरेशन के रूप में देखा।

इस जंग के बढ़ते प्रभाव से पूरी दुनिया चिंता में है। एक तरफ परमाणु कार्यक्रमों पर हमले हो रहे हैं, दूसरी ओर हाई-टेक मिसाइलें रक्षा सिस्टम को धता बता रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने संयम बरतने की अपील की है, लेकिन हालात फिलहाल शांत होने के नहीं दिख रहे। अगर ये जंग इसी तरह बढ़ती रही, तो आने वाले दिन और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।

ईरान और इज़रायल की ये जंग अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है। यह अब एक क्षेत्रीय संकट बन चुका है, जो पूरी दुनिया की शांति को हिला सकता है।

तेल अवीव के खंडहर, जली हुई कारें, और रोते-बिलखते परिवार यही बता रहे हैं कि युद्ध में कोई विजेता नहीं होता — हर तरफ सिर्फ नुकसान होता है।

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