“टाटा का शेयर कभी नुकसान नहीं देता”, ये डायलॉग ‘स्कैम 1992’ वेबसीरीज में हर्षद मेहता द्वारा बोला गया था, और सालों तक यह सच भी साबित होता रहा है। जाने जाने मार्केट का हाल ? 

Trump’s Tariff Policy Share market:-अगर आपने भी कभी ‘Scam 1992’ वेब सीरीज देखी है, तो हर्षद मेहता का वो डायलॉग जरूर याद होगा —“टाटा का कोई भी शेयर उठा लो, लॉन्ग रन में फायदा ही देगा।”अब तक ये बात सही भी साबित होती रही है। टाटा ग्रुप की कंपनियों पर लोगों का भरोसा हमेशा बना रहा है। चाहे उतार-चढ़ाव कितने भी आए हों, टाटा ने अपने निवेशकों को निराश नहीं किया। लेकिन 7 अप्रैल 2025 की तारीख कुछ अलग रही। इस दिन बाजार में जो हलचल मची, उसने सबसे भरोसेमंद कंपनियों की नींव भी हिला दी — और इस बार झटका आया अमेरिका से।
📉 ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने बाजार में भूकंप ला दिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारी-भरकम आयात शुल्क (Tariffs) की घोषणा की। इसका असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे वैश्विक बाजार हिल गए।
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हॉन्ग कॉन्ग का शेयर बाजार 1997 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट से जूझा।
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भारत में भी सेंसेक्स और निफ्टी50 दोनों 3% से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए।
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और इस गिरावट ने टाटा ग्रुप की कंपनियों को भी नहीं छोड़ा।
💥 टाटा ग्रुप को 1.5 लाख करोड़ रुपये का झटका
भारत में “भरोसे” का दूसरा नाम माने जाने वाले टाटा ग्रुप को सोमवार को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
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सिर्फ एक दिन में, टाटा की कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपये घट गई।
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पूरे भारतीय बाजार में करीब 14 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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सेंसेक्स दिन में 4000 अंक तक गिरा, लेकिन अंत में 2,226 अंकों की गिरावट पर बंद हुआ।
🚗 टाटा मोटर्स की सबसे बड़ी चोट: JLR की शिपमेंट रोकी गई
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के कारण टाटा मोटर्स को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा।
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कंपनी ने अमेरिका में Jaguar Land Rover (JLR) की शिपमेंट फिलहाल रोक दी है।
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इसकी खबर के बाद टाटा मोटर्स के शेयर में 10% की गिरावट आई।
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सिर्फ 3 घंटे में, टाटा मोटर्स का मार्केट वैल्यू 19,000 करोड़ रुपये घट गया।
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26 मार्च से अब तक टाटा मोटर्स के शेयरों में 22% की गिरावट हो चुकी है।
अमेरिका, JLR के लिए एक बड़ा बाजार रहा है। यहां उसकी कई लग्जरी कारों जैसे रेंज रोवर स्पोर्ट्स और डिफेंडर की अच्छी बिक्री होती है। मगर अब ब्रोकरेज फर्म CLSA का अनुमान है कि FY26 में अमेरिका में JLR की बिक्री में 26% गिरावट आ सकती है।
🏭 मेटल और IT सेक्टर भी लुढ़के
टाटा ग्रुप की अन्य बड़ी कंपनियों पर भी इसका असर साफ दिखा:
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टाटा स्टील: लगभग 12% की गिरावट।
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TCS (Tata Consultancy Services): सुबह से ही कंपनी का मार्केट कैप 47,500 करोड़ रुपये घटा।
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टाइटन: 6,392 करोड़ रुपये की गिरावट।
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ट्रेंट, टाटा पावर, टाटा कंज्यूमर और इंडियन होटल्स जैसी कंपनियां भी 1,500 से 32,000 करोड़ रुपये तक गिर गईं।
🤔 निवेशकों को क्या करना चाहिए?
मनीष जैन, मिरे एसेट कैपिटल मार्केट्स के चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर कहते हैं:
“क्या मैं अभी शेयर खरीदूंगा? नहीं। क्योंकि बाजार में बहुत अनिश्चितता है। SIP चलने दूंगा लेकिन एकमुश्त निवेश से फिलहाल बचूंगा।”
वी.के. विजयकुमार, जिओजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य रणनीतिकार ने सलाह दी:
“ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी स्थायी नहीं है। भारत की स्थिति अभी भी बेहतर है। अमेरिका को भारत का निर्यात सिर्फ GDP का 2% है, इसलिए भारत की विकास दर पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा।”
बेशक, टाटा ग्रुप के शेयरों को इस गिरावट में बड़ा झटका लगा है। लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि यह टाटा जैसी मजबूत कंपनियों के दीर्घकालिक फंडामेंटल्स को नहीं बदलता।
बाजार में गिरावट तो आई है, लेकिन यह हमेशा निवेश के बेहतर मौके भी देती है — बस समझदारी से कदम बढ़ाने की जरूरत है।