Unified Pension Scheme:-मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को दिया पेंशन के रूप में बड़ा तौफा। यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार ने मंजूरी दे दी है यह अगले साल यानि की 1 अप्रैल 2025 तक लागु हो जाएगा , आएगे जानते है इसकी एक एक बात को….
Unified Pension Scheme:-भारत में पेंशन योजनाओं का इतिहास और उनके बीच के अंतर को समझने के लिए, तीन प्रमुख योजनाओं को समझना आवश्यक है: पुरानी पेंशन योजना (OPS), नई पेंशन योजना (NPS), और हाल ही में प्रस्तुत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)।
1. पुरानी पेंशन योजना (OPS)
पुरानी पेंशन योजना (OPS) भारत में एक समय पर सबसे लोकप्रिय पेंशन योजना थी। यह योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, और इसमें पेंशन का प्रावधान अंतिम वेतन के 50% पर आधारित था।
OPS की प्रमुख विशेषताएं:
- निश्चित पेंशन: OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त होता था।
- परिभाषित लाभ: इसे परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली (DBPS) कहा जाता है क्योंकि पेंशन की राशि पहले से निश्चित होती थी।
- सरकारी समर्थन: इसमें कर्मचारियों को कोई भी योगदान नहीं करना होता था। सरकार पूरे पेंशन का भुगतान करती थी।
2. नई पेंशन योजना (NPS)
जनवरी 2004 में, भारत सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को समाप्त करके नई पेंशन योजना (NPS) को लागू किया। NPS एक सरकार द्वारा प्रायोजित पेंशन योजना है, जिसे पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया गया और बाद में इसे अन्य क्षेत्रों के लिए भी विस्तारित किया गया।
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NPS की प्रमुख विशेषताएं:
- परिभाषित योगदान प्रणाली: NPS को परिभाषित योगदान पेंशन प्रणाली (DCPS) कहा जाता है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों पेंशन के लिए योगदान करते हैं।
- निवेश पर आधारित पेंशन: NPS में पेंशन की राशि बाजार आधारित होती है। यह योजना पेंशन की गारंटी नहीं देती है, बल्कि निवेश से लाभ की संभावना प्रदान करती है।
- विविधता और लचीलापन: NPS को दो टियरों में विभाजित किया गया है—टियर 1 और टियर 2। टियर 1 में रिटायरमेंट के बाद ही निकासी की जा सकती है, जबकि टियर 2 में पहले भी निकासी संभव है।
- टैक्स लाभ: NPS में निवेश के जरिए आयकर में 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। रिटायरमेंट के समय 60% राशि को निकालना टैक्स-फ्री होता है।
3. यूनिफाइड पेंशन स्कीम ()
हाल ही में, भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों के जवाब में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को पेश किया है। UPS एक मिश्रित पेंशन योजना है, जो पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) की विशेषताओं को समाहित करती है।
UPS की प्रमुख विशेषताएं:
- निश्चित पेंशन: UPS के तहत कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त होगा, अगर उन्होंने न्यूनतम 25 वर्षों की सेवा की हो। यदि सेवा की अवधि कम है, तो यह पेंशन आनुपातिक होगी, और न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा के लिए पेंशन का प्रावधान रहेगा।
- निश्चित पारिवारिक पेंशन: UPS में पारिवारिक पेंशन भी दी जाएगी, जो कर्मचारी के मूल वेतन का 60% होगी। यह पेंशन कर्मचारी की मृत्यु के तुरंत बाद उनके परिवार को दी जाएगी।
- न्यूनतम पेंशन का प्रावधान: UPS के तहत यदि कोई कर्मचारी कम से कम 10 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर होता है, तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी।
- महंगाई का समायोजन: इस योजना में पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और न्यूनतम पेंशन पर मुद्रास्फीति के अनुसार समायोजन का प्रावधान है।
- ग्रेच्युटी का प्रावधान: UPS के तहत रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान किया जाएगा, जो कर्मचारी के अंतिम वेतन (मूल वेतन + महंगाई भत्ता) का 1/10वां हिस्सा होगा। यह भुगतान हर छह महीने की सेवा के लिए होगा और यह पेंशन की राशि को कम नहीं करेगा।
UPS का लाभ किन्हें मिलेगा?
सरकार ने घोषणा की है कि UPS 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, और यह सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगी जो 2004 के बाद से NPS के तहत रिटायर हुए हैं। इन कर्मचारियों को NPS के तहत मिलने वाली पेंशन का समायोजन किया जाएगा और UPS के पांचों लाभ उन्हें प्राप्त होंगे।
UPS को सरकार द्वारा एक संतुलित समाधान के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जो NPS में आ रही शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से है। इस योजना के तहत पेंशन की निश्चित राशि और पारिवारिक पेंशन के साथ-साथ महंगाई के अनुसार समायोजन का प्रावधान भी शामिल है।
UPS को पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) के बीच के संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। यह योजना पेंशन के रूप में सुनिश्चित और निश्चित आय प्रदान करती है, जो सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।