UP NEWS Railway Track :-कानपुर-प्रयागराज रेल मार्ग पर आज (22 सितंबर) सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। इस रूट पर एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ और सतर्कता का परिचय देते हुए एक संभावित दुर्घटना को रोक लिया , जाने पूरी खबर ?
Kanpur Train Derailment Plot:-उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक बार फिर ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश का मामला सामने आया है। यह घटना आज, 22 सितंबर की सुबह की है, जब एक मालगाड़ी के लोको पायलट ने कानपुर-प्रयागराज रूट पर प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एक छोटा गैस सिलेंडर देखा। यह सिलेंडर रेल पटरियों पर रखा गया था, और अगर समय पर पायलट की नजर उस पर नहीं पड़ती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
घटना
प्रेमपुर स्टेशन पर सुबह 5:50 बजे के करीब, JTTN गुड्स ट्रेन कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही थी। ट्रेन जब प्रेमपुर स्टेशन के लूप लाइन पर पहुंची, तो लोको पायलट ने सिग्नल से कुछ दूरी पर पटरियों पर एक छोटा गैस सिलेंडर पड़ा हुआ देखा। सतर्कता बरतते हुए पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन को सिलेंडर से पहले रोकने में कामयाब रहे। इस त्वरित कार्रवाई से एक संभावित बड़ी दुर्घटना टल गई।
सिलेंडर की जांच
घटना की सूचना मिलने के बाद रेलवे के संबंधित विभागों और सुरक्षा बलों की टीमें मौके पर पहुंचीं। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग (आईओडब्ल्यू) और सुरक्षा बलों ने मिलकर ट्रैक पर रखे सिलेंडर की जांच की। यह सिलेंडर लगभग 5 लीटर का था और खाली पाया गया। इसे तुरंत ट्रैक से हटाया गया, जिससे मार्ग को सुरक्षित बनाया जा सके। रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और पूरी स्थिति की गंभीरता से जांच की जा रही है कि आखिर इस सिलेंडर को ट्रैक पर क्यों और कैसे रखा गया।
पूर्व की घटना:
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की साजिश का प्रयास किया गया है। इससे पहले 8 सितंबर को कानपुर में एक और बड़ी दुर्घटना को अंजाम देने की कोशिश की गई थी, जब कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी। उस घटना में प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के सामने एक गैस से भरा एलपीजी सिलेंडर रखा गया था।
ट्रेन के इंजन से टकराते ही सिलेंडर से जोरदार धमाका हुआ, लेकिन संयोग से बड़ा हादसा होने से बच गया। उस घटना के बाद घटनास्थल से पेट्रोल की बोतल, माचिस और बारूद भी बरामद हुए थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि किसी बड़ी साजिश की योजना बनाई गई थी। इस मामले में अभी भी एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी), उत्तर प्रदेश एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते), पुलिस और जीआरपी (रेलवे सुरक्षा बल) की संयुक्त टीम जांच कर रही है।
सुरक्षा पर सवाल और रेलवे की प्रतिक्रिया:
लगातार हो रही इन घटनाओं से रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। रेलवे अधिकारी इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा उपायों को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा, पटरियों की नियमित जांच और सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है ताकि इस तरह की साजिशों को समय रहते रोका जा सके।
रेल पटरियों पर गैस सिलेंडर रखने जैसी घटनाएं न केवल रेल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि यह भी संकेत देती हैं कि कुछ असामाजिक तत्व देश की परिवहन व्यवस्था में व्यवधान डालने का प्रयास कर रहे हैं। लोको पायलट की सतर्कता से आज एक बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन यह घटना रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।–+++++++———-