Wakf Amendment Bill 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश होगा, सरकार ने किए अहम बदलाव

केंद्र सरकार 2 अप्रैल 2024 को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश करने जा रही है। इसके लिए बाकायदा समय तय किया जा चुका है और समर्थन जुटाने की कवायद जारी है। जाने इसके बारे में ? Wakf Amendment

Wakf Amendment:-केंद्र सरकार 2 अप्रैल 2024 को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश करने की तैयारी में है। इसके लिए समय तय हो चुका है और सरकार समर्थन जुटाने में लगी हुई है। इस बीच, सरकार ने बिल में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिनमें खासतौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU के सुझावों को जगह दी गई है।

बिल में किए गए बड़े बदलाव

सूत्रों के मुताबिक, इस बिल में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों के आधार पर बदलाव किए गए हैं। JDU, जो कि केंद्र में सत्तारूढ़ NDA की अहम सहयोगी पार्टी है, ने भी इसमें कई सुझाव दिए थे, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है।

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1. वक्फ संपत्ति का फैसला अब वरिष्ठ अधिकारी करेंगे

पहले वक्फ बोर्ड को यह अधिकार था कि वह खुद तय करे कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं। लेकिन अब राज्य सरकार इस फैसले के लिए कलेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को नियुक्त करेगी। इसका मतलब है कि वक्फ बोर्ड का यह अधिकार कम कर दिया गया है और अब वक्फ संपत्ति को लेकर सरकारी अफसरों की भूमिका अहम होगी।

2. पुरानी मस्जिदों और दरगाहों में कोई बदलाव नहीं होगा

कई मुस्लिम संगठनों ने चिंता जताई थी कि नए कानून से पुराने धार्मिक स्थलों पर असर पड़ सकता है। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि पुरानी मस्जिदों, दरगाहों और अन्य धार्मिक स्थलों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

3. कानून पिछली तारीख से लागू नहीं होगा

JDU का यह बड़ा सुझाव था, जिसे सरकार ने मान लिया है। इसका मतलब यह है कि नया कानून पुराने मामलों पर लागू नहीं होगा, बल्कि केवल भविष्य की वक्फ संपत्तियों पर ही इसका असर होगा।

4. पहले से रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों पर असर नहीं पड़ेगा

JDU का एक और सुझाव था कि अगर कोई वक्फ संपत्ति पहले से रजिस्टर्ड है, तो नए कानून का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर कोई विवादित संपत्ति है जो अभी तक रजिस्टर्ड नहीं है, तो उस पर नया कानून लागू होगा। इसका मतलब यह है कि अवैध रूप से कब्जाई गई या विवादित संपत्तियों का निपटारा नए नियमों के आधार पर किया जाएगा।

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5. सरकारी जमीन पर बनी वक्फ संपत्तियों का फैसला कानून के मुताबिक होगा

JDU ने यह भी सुझाव दिया था कि अगर कोई वक्फ संपत्ति सरकारी जमीन पर बनी है, तो उसका निपटारा भी नए वक्फ कानून के मुताबिक ही किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर किसी सरकारी जमीन पर वक्फ दावा करता है, तो अब यह दावा नए कानून के अनुसार तय किया जाएगा, न कि पुराने नियमों के तहत।

विधेयक के अन्य अहम प्रावधान

इसके अलावा, सरकार ने 1995 के वक्फ अधिनियम में कई और बड़े बदलाव किए हैं, जो इस बिल में शामिल किए जाएंगे।

  1. वक्फ अधिनियम का नया नाम – अब इसे “यूनिफाइड वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995” कहा जाएगा।

  2. वक्फ की परिभाषा स्पष्ट की गई – अब वक्फ की घोषणा केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जो कम से कम पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो और उस संपत्ति का मालिक हो।

  3. महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकार सुरक्षित होंगे – पहले कई मामलों में महिलाओं को वक्फ संपत्ति में अधिकार नहीं मिल पाता था, लेकिन नए कानून में महिलाओं के हक को सुरक्षित किया जाएगा।

  4. वक्फ सर्वेक्षण का जिम्मा वरिष्ठ अधिकारियों को मिलेगा – अब डिप्टी कलेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी वक्फ संपत्तियों का सर्वे करेंगे।

  5. वक्फ बोर्ड में सुधार – अब वक्फ बोर्ड में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा, जिससे यह ज्यादा समावेशी बनेगा।

  6. वक्फ संपत्तियों का डिजिटल डेटाबेस बनेगा – सभी वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण को हटाने और पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस बनाया जाएगा।

  7. ट्रिब्यूनल में सुधार – अब वक्फ से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए दो सदस्यीय ट्रिब्यूनल होगा, और हाईकोर्ट में अपील की समय सीमा 90 दिन तय की गई है।

  8. वक्फ बोर्ड की शक्तियां घटाई गईंधारा 40 हटाई गई है, जिससे अब वक्फ बोर्ड यह तय नहीं कर सकेगा कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं।

  9. वक्फ प्रबंधन के लिए वार्षिक योगदान कम किया गया – पहले वक्फ संपत्तियों से 7% योगदान लिया जाता था, जिसे अब 5% कर दिया गया है।

सरकार की मंशा क्या है?

सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता और विकास के लिए लाया गया है। इससे अवैध कब्जों को हटाने, संपत्तियों के सही इस्तेमाल और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुधारने में मदद मिलेगी।

JDU का समर्थन मिलने के आसार

चूंकि सरकार ने JDU के कई सुझावों को बिल में शामिल कर लिया है, इसलिए माना जा रहा है कि JDU इस बिल का समर्थन करेगी और संसद में सरकार के पक्ष में वोट डालेगी।

वक्फ संशोधन बिल 2024 में सरकार ने कई अहम बदलाव किए हैं, खासकर JDU के सुझावों को शामिल करके मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों को कम करने की कोशिश की है। इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि लोकसभा और राज्यसभा में यह बिल किस तरह से पास होता है और इस पर राजनीतिक दलों का क्या रुख रहता है।

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