Waqf Bill:-संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन बिल पर गरमाई सियासत, TDP ने जताई चिंता

Waqf Amendment Bill:-वक्फ बिल को लेकर कही दिनों से अटकले लगाई जा रही है , इसको लेकर जेपीसी की बैठकें दो दिन होने वाली है और इसके साथ ही संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू होने वाला है , जाने ? Waqf Bill

Waqf Amendment Bill:-वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश में हलचल जारी है, और इसका असर अब संसद के शीतकालीन सत्र में भी दिखने की उम्मीद है, जो 25 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलने वाला है। इस सत्र में वक्फ (संशोधन) विधेयक के अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। जहाँ कुछ दल इसे मुसलमानों के लिए सकारात्मक बता रहे हैं, वहीं कुछ दलों में इसे लेकर असंतोष है। खास बात यह है कि सरकार का समर्थन करने वाली तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सुर भी अब बदलते नजर आ रहे हैं, जिससे भाजपा के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है।

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टीडीपी के उपाध्यक्ष नवाब जान उर्फ अमीर बाबू ने इस बिल को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। उनका कहना है कि वक्फ संशोधन बिल मुसलमानों के बीच एक तरह की असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है। उन्होंने बताया कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ही इस बिल की समीक्षा के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) का गठन किया गया है। नवाब जान का मानना है कि इस बिल के संदर्भ में सभी पक्षों की राय लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नायडू चाहते हैं कि इस बिल पर देशभर में व्यापक चर्चा होनी चाहिए, ताकि इसका वास्तविक असर समझा जा सके।

नवाब जान ने यह भी कहा कि चंद्रबाबू नायडू एक सेकुलर सोच वाले नेता हैं, जो सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं। उनका मानना है कि जिस धर्म का बोर्ड हो, उसमें उसी धर्म के लोग शामिल होने चाहिए। इसके साथ ही, नवाब जान ने कहा कि टीडीपी इस बिल को लागू करने के खिलाफ है और इसे नाकाम करने के लिए आगे बढ़ने की योजना बना रही है।

वक्फ संशोधन बिल की पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठकें आज और कल होनी हैं। इस कमेटी की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं, जबकि बिल को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया था। इस बिल को पेश करते ही विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने कड़ा विरोध जताया था।

बिल का मुद्दा अब सियासी तकरार में बदल चुका है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस पर क्या समझौता होता है, और क्या इसे संसद में बहुमत से पास किया जा सकता है।

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