Weather Update:-जनवरी की कड़ाके की सर्दी के बाद फरवरी 2025 में उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में अचानक गर्मी बढ़ गई है। जाने मौसम का हाल ? 

Weather Update News:-सर्दी का मौसम अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि फरवरी 2025 में गर्मी ने अचानक दस्तक दे दी। जनवरी में जहां उत्तर भारत में ठंडी हवाओं और कोहरे का जोर था, वहीं फरवरी आते ही मौसम ने पलटी मार दी। दिन में धूप इतनी तेज हो गई कि लोग स्वेटर और जैकेट उतारकर सिर्फ शर्ट में घूमने लगे।
दिल्ली, लखनऊ, पुणे, भुवनेश्वर जैसे शहरों में तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। ओडिशा के भुवनेश्वर में तो फरवरी के पहले हफ्ते में ही पारा 35°C तक पहुंच गया। दक्षिण भारत में भी हालात अलग नहीं हैं—केरल के कन्नूर और कोट्टायम में तापमान 36°C के पार चला गया। इतना ज्यादा तापमान इस महीने में असामान्य माना जाता है, क्योंकि गर्मी का मौसम आधिकारिक रूप से मार्च-अप्रैल में शुरू होता है।
IMD की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि फरवरी 2025 में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देशभर में ठंड कम और गर्मी ज्यादा पड़ेगी।
इसके अलावा, फरवरी में बारिश भी सामान्य से कम रहने वाली है। जब ठंड कम पड़ती है और बारिश भी नहीं होती, तो गर्मी जल्दी आने लगती है और लंबे समय तक बनी रहती है।
क्या मई-जून में पड़ेगी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी?
अगर फरवरी में ही तापमान 35-36°C तक पहुंच गया है, तो मई-जून में हालात और खराब हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्म हवाएं (लू) इस साल पहले से ज्यादा परेशान कर सकती हैं।
पिछले कुछ सालों में भारत में मौसम का पैटर्न तेजी से बदल रहा है। कभी अचानक बारिश हो जाती है, तो कभी भीषण गर्मी पड़ती है। ठंड का समय भी अब पहले से छोटा हो गया है।
क्यों हो रहे हैं ऐसे बदलाव?
- जलवायु परिवर्तन (Climate Change): लगातार ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है, जिससे मौसम चक्र गड़बड़ा गया है।
- कम बारिश: सर्दियों में बारिश कम होने से तापमान तेजी से बढ़ जाता है।
- वनों की कटाई और प्रदूषण: बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे हैं और गाड़ियों, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं वातावरण को गर्म कर रहा है।
CSE की रिपोर्ट
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में 274 में से 255 दिन एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स (चरम मौसम की घटनाएं) से प्रभावित रहे।
इन घटनाओं में शामिल थे:
✅ भारी बारिश और बाढ़
✅ हीटवेव और कड़ाके की ठंड
✅ चक्रवात और बिजली गिरने की घटनाएं
इन घटनाओं के कारण:
⚠️ 3,238 लोगों की मौत हुई
⚠️ 3.2 मिलियन हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं
⚠️ 2.3 लाख से ज्यादा घर तबाह हो गए
आगे क्या होगा?
जलवायु विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले सालों में गर्मी और भी भयानक हो सकती है।
आप क्या कर सकते हैं?
✔️ पानी बचाएं और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं
✔️ गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करें
✔️ AC का कम से कम इस्तेमाल करें और पंखों-कूलरों को प्राथमिकता दें
✔️ सौर ऊर्जा (Solar Energy) को अपनाएं