WhatsApp:-भारत में डिजिटल ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को डराने और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जाने इसके बारे में ?
WhatsApp:-भारत में डिजिटल ठगी के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। लोग नए तरीकों से ठगों के जाल में फंस रहे हैं, जो खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मी या पुलिस बनाकर भोले-भाले लोगों को लूटते हैं। हाल ही में मुंबई में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें 68 साल के बुजुर्ग को ठगों ने 1.94 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। आइए, जानते हैं इस घटना का पूरा विवरण और इससे बचने के उपाय।
घटना की शुरुआत कैसे हुई?
यह मामला 30 नवंबर को तब शुरू हुआ जब बुजुर्ग को एक अज्ञात नंबर से WhatsApp वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। वीडियो कॉल में ठग ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी और बैकग्राउंड में एक पुलिस स्टेशन जैसा दृश्य दिख रहा था। यह सब देखकर बुजुर्ग को लगा कि वह वास्तव में किसी पुलिस अधिकारी से बात कर रहे हैं।
ठग ने बुजुर्ग को बताया कि वह एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस चुके हैं, जो भारत के बड़े बिजनेसमैन नरेश गोयल से जुड़ा है। इस झूठे आरोप से बुजुर्ग घबरा गए और ठग की बातों पर भरोसा करने लगे।
ठगों ने कैसे बुजुर्ग को फंसाया?
ठगों ने बुजुर्ग को डराने के लिए एक झूठी कहानी गढ़ी। उन्होंने कहा कि उनके पास 247 ATM कार्ड जब्त किए गए हैं, जिनमें से एक बुजुर्ग का है। उन्होंने यह भी दावा किया कि नरेश गोयल के साथ उनके बैंक अकाउंट से पैसे का लेन-देन हुआ है।
ठगों ने पहले बुजुर्ग को पुलिस स्टेशन बुलाने की धमकी दी, लेकिन बाद में कहा कि वे उनके घर से ही पूछताछ करेंगे। इस दौरान ठगों ने बुजुर्ग से उनके बैंक खाते की जानकारी और अन्य गोपनीय विवरण मांग लिए।
1.94 करोड़ रुपये कैसे ठगे गए?
ठगों ने धीरे-धीरे बुजुर्ग से पैसे ट्रांसफर करवाना शुरू किया। उन्होंने यह दावा किया कि यह रकम कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और अगर वे पैसे नहीं देंगे, तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। झूठे आरोपों और डर की वजह से बुजुर्ग ने सात दिनों में कई किश्तों में 1.94 करोड़ रुपये उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
ठगों ने यह सुनिश्चित किया कि बुजुर्ग किसी से इस बारे में बात न करें। उन्होंने धमकी दी कि अगर वह किसी को बताएंगे, तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
बेटी ने खोली पोल
बुजुर्ग ने आखिरकार अपनी बेटी को इस घटना के बारे में बताया। जब बेटी को सच्चाई समझ आई, तो उसने अपने पिता को तुरंत पुलिस स्टेशन ले जाकर शिकायत दर्ज कराई। यह मामला शुरुआत में बेंगलुरु के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ।
ठगों से बचने के लिए क्या करें?
- पुलिस या बैंक कभी पैसे नहीं मांगते: अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पैसे मांगता है, तो यह निश्चित रूप से धोखा है।
- कभी भी गोपनीय जानकारी साझा न करें: किसी भी अजनबी को अपना OTP, बैंक खाता नंबर या अन्य निजी जानकारी न दें।
- फोन कॉल और मैसेज से सतर्क रहें: अगर कोई अज्ञात नंबर से कॉल आता है और आपको डरा-धमकाकर पैसे मांगता है, तो तुरंत उसे रिपोर्ट करें।
- बैंक और पुलिस से तुरंत संपर्क करें: अगर आपको ठगी का शक हो, तो अपने बैंक को अलर्ट करें और पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
- डिजिटल जागरूकता: ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए डिजिटल सुरक्षा उपायों को अपनाएं।
इस घटना से हमें यह सबक मिलता है कि ठग बहुत ही पेशेवर और चालाक होते हैं। उनकी बातों में न फंसे और हर स्थिति में शांत रहकर सही कदम उठाएं। अगर किसी कॉल या मैसेज पर संदेह हो, तो इसे अनदेखा करें और सीधे पुलिस या संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करें।
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक के लिए चेतावनी है। हमें सतर्क रहना होगा और दूसरों को भी डिजिटल ठगी के खतरों के बारे में जागरूक करना होगा।