wolves News:-उत्तर प्रदेश में भेडियो का आंतक बढ़ाता ही जा रहा है , जिसको कम करने के लिए यूपी सरकार ने 200 जवान, पुलिस व वन विभाग को गांव वालो की सुरक्षा में लगा दिया है आएगे जानते है इसके बारे में…….
wolves Bahraich News:-उत्तर प्रदेश के बहराइच और सीतापुर जिलों में भेड़ियों के हमलों ने दहशत फैला दी है। इन हमलों में मासूम बच्चों सहित कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि अन्य घायल हुए हैं। इन घटनाओं ने न केवल स्थानीय निवासियों को भयभीत किया है, बल्कि प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है।
बहराइच में भेड़ियों का कहर
बहराइच जिले के महसी तहसील में भेड़ियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सबसे ताजा घटना 1 और 2 सितंबर की रात की है, जब महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र के नव्वन गरेठी मजरे में एक ढाई साल की बच्ची अंजलि को भेड़िया उठा ले गया। बच्ची अपनी मां के साथ घर में सो रही थी। परिवारजनों ने चीख-पुकार मचाई, लेकिन बच्ची को बचाने में असफल रहे। बाद में, गांव से एक किलोमीटर दूर अंजलि का क्षत-विक्षत शव मिला, जिसमें उसके दोनों हाथ भेड़िए ने खा लिए थे।
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इसी रात, एक अन्य घटना में, हरदी थाना क्षेत्र के बाराबिगहा के मौजा कोटिया में 70 वर्षीय कमला देवी पर भेड़िए ने हमला किया। वह अपने घर में लेटी हुई थीं, जब भेड़िया दरवाजे की रस्सी तोड़कर अंदर घुसा और उन पर हमला कर दिया। शोर मचाने पर भेड़िया भाग गया, लेकिन कमला देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर है।
जिलाधिकारी मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ल ने इन घटनाओं का संज्ञान लिया और मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जुलाई से अब तक, इन हमलों में आठ लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सात बच्चे शामिल हैं। प्रशासन ने गांवों में पुलिस, पीएसी और वन विभाग की तैनाती बढ़ा दी है। इसके अलावा, लोगों को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं, जैसे कि घरों के दरवाजे बंद रखना और खुले में न सोना।
सीतापुर में भेड़ियों के हमले की आशंका
पड़ोसी सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र के परसेहरा शरीकपुर गांव में भी भेड़ियों के हमले की आशंका जताई जा रही है। 1 सितंबर की रात को हुए हमले में एक महिला और तीन अन्य लोग घायल हो गए। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल से जानवर के नमूने और पैरों के निशान एकत्र किए। स्थानीय निवासियों का दावा है कि हमले भेड़ियों ने किए हैं, जबकि वन विभाग को सियार के हमले का शक है।
सीतापुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) नवीन खंडेलवाल ने बताया कि वन विभाग को किसी बड़े जंगली जानवर, जैसे भेड़िया, बाघ, तेंदुआ, या पैंथर के पैरों के निशान नहीं मिले। हालांकि, सियार के पैरों के निशान पाए गए, जिससे पुष्टि होती है कि यह हमला सियार का हो सकता है। डीएफओ ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अगर किसी जानवर का हमला होता है, तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
प्रशासनिक और सुरक्षा उपाय
बहराइच और सीतापुर में बढ़ते हमलों को देखते हुए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। बहराइच के महसी तहसील में, जहां भेड़ियों के हमले सबसे ज्यादा हो रहे हैं, वहां पुलिस, पीएसी, और वन विभाग के जवान तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने लोगों को दरवाजे बंद करके सोने, छतों पर सोने, और विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है। अब तक चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, लेकिन हमलों का सिलसिला जारी है। वन विभाग हमलावर भेड़ियों की सही संख्या का पता लगाने में जुटा है।
वहीं, सीतापुर में भी वन विभाग की टीमें सतर्क हैं और सियार या भेड़िए के हमलों की आशंका को लेकर जांच कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन लगातार कार्य कर रहा है।
बहराइच और सीतापुर में भेड़ियों और संभवतः सियारों के हमले ग्रामीणों के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। मासूम बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहे ये हमले स्थानीय निवासियों में भय और चिंता का माहौल पैदा कर रहे हैं। प्रशासनिक और सुरक्षा बलों की तैनाती से स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ग्रामीणों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है। भविष्य में इन हमलों को रोकने के लिए व्यापक जांच और ठोस सुरक्षा उपायों की जरूरत है।