Lok Sabha में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, “अगर मेरी बात गलत है तो मैं इस्तीफा देना चाहता हूं”

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने आज लोकसभा में सरकार की कड़ी आलोचना की। जाने पूरी खबर ? Lok Sabha

Lok Sabha Akhilesh Yadav’s:-आज लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ऐसा बयान दिया जिससे पूरे सदन में हलचल मच गई। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात गलत साबित होती है, तो वह अपना इस्तीफा देने को तैयार हैं। यह सुनते ही संसद में मौजूद नेता और स्पीकर ओम बिरला भी चौंक गए। अखिलेश ने अपने हाथ में पकड़े कागजों को आगे बढ़ाते हुए स्पीकर से कहा कि अगर मेरी बात गलत है, तो मैं अभी अपना इस्तीफा देता हूं।

अखिलेश यादव को किस बात पर आया गुस्सा?

दरअसल, अखिलेश यादव प्रयागराज में हुए महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ और सरकार की नाकामी को लेकर बेहद नाराज थे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार ने कुंभ मेले को लेकर बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन असल में स्थिति बहुत खराब थी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि 100 करोड़ लोग महाकुंभ में आएंगे, लेकिन अब सही आंकड़े तक नहीं बता रही है। अखिलेश ने कहा कि अगर यह आंकड़ा गलत है, तो वह अपना इस्तीफा देने को तैयार हैं।

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महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार को क्यों घेरा?

अखिलेश यादव ने कहा कि हर सरकार ने अपने कार्यकाल में कुंभ मेले का आयोजन किया है। लेकिन इस बार भाजपा सरकार ने इसे 144 साल बाद होने वाला विशेष महाकुंभ बताया और खूब प्रचार किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमेशा एक निश्चित समय और नक्षत्रों के अनुसार होता है, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे लेकर गलत जानकारी फैलाई।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि संतों के शाही स्नान को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई। पहले सरकार ने शाही स्नान को रद्द कर दिया, लेकिन जब देशभर से विरोध हुआ तो फिर से संतों को स्नान की अनुमति दी गई। अखिलेश ने कहा कि सनातन परंपरा में स्नान का मुहूर्त बेहद महत्वपूर्ण होता है, लेकिन भाजपा सरकार ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की।

भगदड़ और अव्यवस्था पर क्या बोले अखिलेश?

अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में लोग पुण्य कमाने आए थे, लेकिन वे अपनों की लाशें लेकर लौटे। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भगदड़ मची और लोग मरे, तो सरकार की प्राथमिकता बचाव कार्य के बजाय हेलिकॉप्टर से फूल बरसाना था।

उन्होंने आरोप लगाया कि मृतकों के शवों को जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्रॉली से उठवाया गया, फिर उन्हें कहां फेंका गया, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। जब शवों से बदबू आने लगी, तब सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने आंकड़े छिपाने की कोशिश की।

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अखिलेश यादव ने क्या मांग की?

  1. महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।
  2. आपदा प्रबंधन और सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना को दी जाए।
  3. घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा और उचित मुआवजा दिया जाए।
  4. मृतकों के परिवारों को उचित सहायता मिले और उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं।

अखिलेश के बयान पर संसद में हंगामा

जब अखिलेश यादव ने यह मुद्दा उठाया तो सत्ता पक्ष के कई सांसद शोर मचाने लगे। लेकिन अखिलेश लगातार अपनी बात रखते रहे। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ प्रचार कर रही है, लेकिन असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही।

अखिलेश के इस्तीफे वाली बात सुनकर पूरा सदन हैरान रह गया। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की और चर्चा आगे बढ़ा दी गई।

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