अलर्ट; कोरोना से भी कही ज्यादा खतरनाक वायरस आ रहा है उसका नाम निपाहा वायरस जाने इसके बारे में

Nipah Virus News:-कोरोना की बीमारी तो आप सभी ने देखी है पर कोरोना से भी कही ज्यादा तेज़ी से यह वायरस फेल रहा है भारत में। अगर समय रहते यह कंट्रोल हो गया तो सही है नहीं तो यह तेज़ी से पुरे देश को कवर करने की कोशिश करेगा जाने इस इसके बारे में 

 

Nipah Virus:-देश में एक बार फिर कोरोना की तरह एक ओर वायरस फेल रहा है यह वायरस कोरोना से भी कही ज्यादा खतरनाक है आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ राजीव बहल ने साफ कहा है कि यह वायरस कही ज्यादा खतरनाक है  हालांकि राहत की बात यह है कि निपाह वायरस के संक्रमण की रफ्तार कोरोनावायरस की तुलना में काफी कम होती है और यह केवल तभी फैल सकता है जब आप संक्रमित मरीज के बॉडी फ्लूइड , जैसे कि खून सलाइवा या मल मूत्र के संपर्क में आ जाएं या फिर बहुत लंबे समय तक ऐसे मरीज के बेहद नजदीक रहे हों.

अलर्ट:-दरअसल, आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि अगर एक इलाके विशेष में ही वायरस को कंट्रोल कर लिया जाए तो बीमारी को बड़े स्तर पर फैलने से रोका जा सकता है. वहीं देखा जाए तो बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह साफ कर दिया था कि केरल में निपाह वायरस के दो कंफर्म मरीज हैं और चार संदिग्धों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं.बीते सोमवार को केरल के कोझिकोड प्रशासन ने ज़िले में निपाह वायरस का अलर्ट जारी किया था. ये अलर्ट कोझिकोड के प्राइवेट अस्पताल में दो लोगों की बुखार से मौत होने के बाद जारी किया गया. मरने वालों में से एक के परिवार का एक व्यक्ति भी बीमार हुआ है और आईसीयू में भर्ती है.

क्या होता है:-निपाह वायरस एक वायरल इन्फेक्शन है जो जानवरों और इंसानों को संक्रमित कर सकता है. यह एक रबीज जैसी बीमारी है जो ब्रेन और न्यूरोसिस्टम को नुकसान पहुंचाती है. जानवरों से इंसानों में होने वाली बीमारी को ज़ूनोटिक डिजीज कहा जाता है. लिहाजा निपाह वायरस zoonotic disease की कैटेगरी में आता है.

निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और मानसिक भ्रम शामिल हैं. कुछ मामलों में, निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में दौरे पड़ सकते हैं या वे कोमा में जा सकते हैं. निपाह वायरस से संक्रमित होने का सबसे आम तरीका चमगादड़ों के लार या मूत्र के संपर्क में आने से है. चमगादड़ों के अलावा, निपाह वायरस सुअरों, बकरियों और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है.

आईसीएमआर :-आईसीएमआर ओर NIV (national institute of Virology) ने 2019 में एक स्टडी करने के लिए ओर निपाह की पहचान और इलाज करने के लिए यह किया गया था 2018 में इस वायरस के शिकार 6 लोग पाए गए थे उसके बाद ही आईसीएमआर को रिसर्च का काम सौंपा गया. इसमें पीड़ित मरीजों के 330 परिवार जनों और करीबियों पर स्टडी की गई. स्टडी में 55ऐसे लोगों में ज्यादा खतरा पाया गया जो

आइसोलेशन :-एक्सपर्ट्स ने उस दौरान केरल के कुछ जिलों से चमगादड़ पकड़कर उन पर रिसर्च की थी जिसमें 4 चमगादड़ों में निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई. मरीज के आइसोलेशन के साथ साथ सभी चीजों को डिकॉन्टेमिनेट किया गया. पीपीई किट्स पहनकर ही स्वास्थय कर्मियों को इलाज की सलाह दी गई. जिसकी वजह से 2019 में हालात काबू में ही रहे.निपाह वायरस एक गंभीर बीमारी है जो जानवरों और इंसानों को संक्रमित कर सकती है. निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद, व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. अस्पताल में, डॉक्टर निपाह वायरस के लक्षणों का इलाज करेंगे और रोगी को संक्रमण से बचाने के लिए उपाय करेंगे.

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