ऑस्ट्रेलिया की ऑनलाइन सेफ्टी एजेंसी (eSafety Commissioner) ने लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम (Telegram) पर 9,57,780 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 1 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया है। जाने पूरी खबर ?
Telegram:-मैसेजिंग ऐप Telegram एक बार फिर विवादों में घिर गया है। ऑस्ट्रेलिया की ऑनलाइन सेफ्टी एजेंसी (eSafety Commissioner) ने कंपनी पर 9,57,780 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 1 मिलियन डॉलर) का भारी जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई इसलिए हुई क्योंकि टेलीग्राम ने आतंकवाद, बाल शोषण और हिंसक कंटेंट को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मई 2024 में Telegram समेत कई कंपनियों को नोटिस भेजा था, जिसमें पूछा गया था कि उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म पर गैर-कानूनी और खतरनाक कंटेंट को रोकने के लिए क्या उपाय किए हैं। इन कंपनियों को अक्टूबर 2024 तक जवाब देने की समय सीमा दी गई थी।
लेकिन जब 160 दिनों तक भी Telegram ने कोई जवाब नहीं दिया, तो ऑनलाइन सेफ्टी एजेंसी ने कंपनी पर लगभग 1 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगा दिया।
सरकार ने क्यों लिया एक्शन?
ऑस्ट्रेलिया सरकार की ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा कि हर कंपनी को देश के कानून का पालन करना जरूरी है। अगर कोई कंपनी नियमों का उल्लंघन करेगी, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टेलीग्राम पर आरोप है कि इस ऐप का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों, बाल शोषण सामग्री और अन्य गैर-कानूनी कामों के लिए किया जाता है। लेकिन जब सरकार ने इस मुद्दे पर Telegram से जवाब मांगा, तो कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
Telegram पहले भी विवादों में रहा है
Telegram पहले भी कई देशों की जांच के दायरे में आ चुका है।
अगस्त 2024 में फ्रांस सरकार ने Telegram के फाउंडर Pavel Durov को हिरासत में लिया था।
आरोप था कि इस ऐप के जरिए गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हालांकि, Pavel Durov ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
2024 में ही ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने भी Telegram को लेकर चिंता जताई थी।
कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि इस ऐप पर संवेदनशील और गैर-कानूनी कंटेंट बिना रोक-टोक के शेयर किया जा रहा है।
अब Telegram को यह तय करना होगा कि वह ऑस्ट्रेलिया के कानूनों का पालन करेगा या नहीं। अगर कंपनी ने जुर्माने की रकम नहीं भरी या सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो सरकार आगे और भी सख्त कार्रवाई कर सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि Telegram इस मामले में क्या स्टैंड लेता है और क्या यह अन्य देशों के नियमों का पालन करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करता है या नहीं।