Bengal की खाड़ी में बना लो प्रेशर सिस्टम, 48 घंटों में और होगा मजबूत

देश के कई हिस्सों में मानसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है, जिससे जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। खासकर केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा जैसे पश्चिमी तटीय राज्यों में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जाने इसके बारे में ? Bengal weather

Bengal weather:-देश में इस बार मानसून ने तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है, और इसका असर कई राज्यों में साफ दिखाई दे रहा है। केरल, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक जैसे तटीय राज्यों में पिछले कुछ दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस बारिश की वजह से आम लोगों की ज़िंदगी पर खासा असर पड़ा है। कहीं सड़कें जलमग्न हैं तो कहीं घरों में पानी घुस आया है। यातायात पर भी इसका असर पड़ा है — पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर हवाई यात्रा तक सब प्रभावित हुए हैं।

बारिश से अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन

लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। सुबह की भीड़ हो या रात का सन्नाटा — हर वक्त रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा एक्टिव रहेगा। अब यह चेतावनी हकीकत में बदलती नजर आ रही है।

आगे क्या होगा?

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक नया लो प्रेशर सिस्टम (कम दबाव का क्षेत्र) बन चुका है। अगले 36 से 48 घंटों में इसके और मजबूत होने की संभावना है। ये सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ेगा और पूर्वोत्तर भारत पर असर डालेगा। इसका मतलब ये है कि असम, मेघालय और सिक्किम जैसे राज्यों में मानसून की रफ्तार बढ़ सकती है।

हालांकि, ये सिस्टम ज्यादा अंदर की ओर नहीं जाएगा, इसलिए बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को अभी मानसून की अगली ‘pulse’ यानी नई सिस्टम का इंतजार करना होगा। इस बीच ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और उत्तर आंध्र प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियां तेज हो सकती हैं।

29 मई से नया पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होगा

उत्तर-पश्चिम भारत के लिए भी मौसम विभाग ने एक चेतावनी जारी की है। 29 मई से एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, जो इस क्षेत्र में तेज हवा और बारिश ला सकता है। यह सिस्टम भी मौजूदा मानसून को और अधिक सक्रिय बनाएगा।

केरल और कर्नाटक में सबसे ज्यादा असर

27 मई से 2 जून के बीच केरल, माहे, तटीय और दक्षिण कर्नाटक में कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। कुछ इलाकों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है।

महाराष्ट्र और गोवा भी नहीं बचे

कोंकण, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र, गोवा और तमिलनाडु के पहाड़ी इलाकों में भी अगले कुछ दिनों में तेज बारिश होने की आशंका है। इन क्षेत्रों में 6-7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है।

क्या करें, क्या न करें?

  • घर से बाहर निकलते समय छाता या रेनकोट जरूर साथ रखें।

  • मौसम अपडेट्स पर नज़र रखें, खासकर अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं।

  • जिन इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है, वहाँ अनावश्यक बाहर न निकलें।

  • प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें।

मानसून की शुरुआत भले ही जल्दी हो गई हो, लेकिन इसका असर लंबा और गहरा हो सकता है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में बारिश और तेज़ होगी, और कई जगहों पर गंभीर स्थिति बन सकती है। ऐसे में सतर्क रहना ही समझदारी है।

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