Bihar:-व्हाट्सएप कॉल बना शिक्षकों के लिए खौफ, वीडियो कॉल पर हो रहा स्कूलों का औचक निरीक्षण

Bihar News:-बिहार के शिक्षकों के लिए इन दिनों व्हाट्सएप कॉल एक खौफ का कारण बन गया है। इसका कारण कोई साइबर अपराध नहीं है, जाने पूरा मामला क्या हुआ था ?  Bihar

Bihar Whatsapp News:-बिहार के शिक्षकों के लिए इन दिनों व्हाट्सएप कॉल किसी डरावने सपने की तरह हो गई है। जैसे ही फोन पर व्हाट्सएप कॉल की घंटी बजती है, शिक्षकों के चेहरे पर तनाव और माथे पर पसीना आ जाता है। ठंड के मौसम में जहां लोग गर्म कपड़ों में सुकून से रहते हैं, वहीं शिक्षकों को हर समय यह डर सता रहा है कि कहीं अचानक अपर मुख्य शिक्षा सचिव का वीडियो कॉल न आ जाए।

क्या है मामला?

दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। वह व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए सीधे शिक्षकों से संपर्क करते हैं और स्कूलों का जायजा लेते हैं। निरीक्षण के दौरान वह स्कूल के हर कोने की बारीकी से जांच करते हैं—कमरों की स्थिति, बच्चों की उपस्थिति और शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके पर खास नजर रखते हैं।

अगर निरीक्षण के दौरान कोई गलती पाई जाती है तो शिक्षक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का पत्र भी व्हाट्सएप पर ही भेज दिया जाता है। इस नए तरीके से शिक्षक हमेशा सतर्क रहने पर मजबूर हैं और उन्हें हर समय यह डर लगा रहता है कि उनके फोन पर कोई व्हाट्सएप कॉल न आ जाए।

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व्हाट्सएप कॉल आते ही खलबली मच जाती है

इस नई व्यवस्था ने शिक्षकों के बीच खौफ का माहौल बना दिया है। अब हाल यह हो गया है कि किसी अनजान नंबर से आने वाले व्हाट्सएप कॉल को भी शिक्षक डर के मारे उठाने से कतरा रहे हैं। कई शिक्षक तो कॉल आते ही क्लासरूम या अपने कमरे में जाकर फोन उठा रहे हैं, ताकि अगर कोई निरीक्षण कॉल हो तो वह कम से कम तैयार हालत में रहें।

कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें डॉ. एस सिद्धार्थ स्कूलों का वीडियो कॉल के जरिए निरीक्षण करते दिखाई दे रहे हैं। कभी शिक्षकों की खिंचाई करते हुए तो कभी अच्छे काम के लिए उनकी तारीफ करते हुए वह नजर आते हैं।

 सख्त कार्रवाई

हाल ही में मधुबनी जिले के बाबूबरही प्रखंड के एक स्कूल का निरीक्षण करते हुए डॉ. एस सिद्धार्थ ने पाया कि वहां सभी शिक्षक अनुपस्थित थे। इस पर उन्होंने तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण का पत्र जारी कर दिया। इसी तरह कटिहार के एक स्कूल में जब उन्होंने स्कूल के कमरे में पुआल रखा देखा तो वह भड़क गए और वहां के शिक्षकों को कड़ी चेतावनी दी।

वहीं दूसरी ओर, अच्छे काम करने वाले शिक्षकों की प्रशंसा भी हो रही है। मधेपुरा जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय घुड़दौल की शिक्षिका जूही भारती का उदाहरण काफी चर्चा में रहा। उन्होंने लोकल मटेरियल का इस्तेमाल कर बच्चों को पढ़ाने का एक अलग तरीका अपनाया था। जब डॉ. एस सिद्धार्थ ने उनका निरीक्षण किया, तो उन्होंने जूही भारती की खूब तारीफ की और कहा कि उनका यह तरीका दूसरों के लिए प्रेरणा है।

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शिक्षकों का डर

शिक्षकों को डर इसलिए लग रहा है क्योंकि यह निरीक्षण बिना किसी सूचना के कभी भी हो सकता है। अपर मुख्य सचिव बिना बताए शिक्षकों को वीडियो कॉल करते हैं और स्कूल का हर कोना देखते हैं। अगर कोई गड़बड़ी मिलती है, तो कार्रवाई तुरंत होती है। यही कारण है कि शिक्षकों की नींद उड़ गई है और वह हर समय सतर्क रहते हैं।


व्हाट्सएप कॉल

शिक्षा विभाग का यह तरीका शिक्षकों के लिए भले ही डर का कारण बन रहा हो, लेकिन यह व्यवस्था शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है। स्कूलों की नियमित जांच से बच्चों की पढ़ाई बेहतर होगी और स्कूलों की स्थिति में भी सुधार आएगा।

हालांकि, शिक्षकों को यह डर जरूर है कि छोटी-सी गलती भी उनके खिलाफ कार्रवाई का कारण बन सकती है। इसलिए कई शिक्षक अब हर समय तैयार रहते हैं कि कहीं अपर मुख्य सचिव का कॉल आ जाए और उन्हें सवालों का सामना करना पड़े।

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