champions trophy 2025:- 19 फरवरी 2025 से पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है, जिसमें 26 फरवरी को अफगानिस्तान और इंग्लैंड के बीच मैच निर्धारित है। जाने इसके बारे में ? 

champions trophy 2025:-पाकिस्तान में 19 फरवरी से चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज होने जा रहा है, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही इस पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। 26 फरवरी को इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर एक गंभीर सुरक्षा खतरा उभर कर सामने आया है।
इस खतरे की शुरुआत लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड से हुई, जहां 25 फरवरी को तालिबान-शासित अफगानिस्तान की टीम के खिलाफ एक प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस प्रदर्शन का मकसद अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का हनन बताना जा रहा है, लेकिन अंदरखाने यह दावा किया जा रहा है कि असली टारगेट 26 फरवरी को पाकिस्तान में खेला जाने वाला इंग्लैंड-अफगानिस्तान मैच है।
प्रदर्शन के बहाने क्रिकेट को निशाना!
सोशल मीडिया पर #BoycottAfghanCricket और #SaveAfghanWomen जैसे हैशटैग के साथ कई पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनमें अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को ‘तालिबान क्रिकेट टीम’ कहकर बुलाया जा रहा है। इन संदेशों में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से अपील की जा रही है कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ मैच खेलने से इनकार कर दे।
एक वायरल संदेश में कहा गया है:
“हम 26 फरवरी को होने वाले इंग्लैंड-अफगानिस्तान मैच का विरोध करेंगे। हम अफगानिस्तान में महिलाओं पर तालिबान के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे। 25 फरवरी को शाम 4 बजे लॉर्ड्स के बाहर उलटी गिनती शुरू होगी।”
यहां तक कि हर दिन “उल्टी गिनती” के संदेश भी जारी किए जा रहे हैं, जो इशारा कर रहे हैं कि विरोध सिर्फ लॉर्ड्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों तक पहुंच सकता है।
महिला क्रिकेट को लेकर सवाल और आईसीसी की चुप्पी
आईसीसी (ICC) के नियमों के अनुसार, किसी भी पूर्ण सदस्य देश को पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के क्रिकेट को भी समर्थन देना जरूरी है। लेकिन तालिबान के शासन में अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है।
तालिबान के आने के बाद:
✅ अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम को भंग कर दिया गया।
✅ महिलाओं के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए।
✅ महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बोलने, पढ़ने, गाने, और यहां तक कि खिड़की से बाहर झांकने तक की अनुमति नहीं है।
इन मुद्दों को लेकर इंग्लैंड के महिला संगठनों ने क्रिकेट बोर्ड से मांग की है कि वह तालिबान-समर्थित अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का बहिष्कार करे।
तालिबान की सुरक्षा एजेंसियों ने जताई आशंका
इस प्रदर्शन को लेकर तालिबान की खुफिया एजेंसी ने गंभीर चिंता जताई है। उनका मानना है कि लंदन में होने वाला विरोध प्रदर्शन असल में सिर्फ एक बहाना है, जबकि असली टारगेट पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी खेलने गई अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम हो सकती है।
अफगान खुफिया एजेंसी के मुताबिक:
📌 प्रदर्शन की आड़ में आतंकवादी संगठन हमला कर सकते हैं।
📌 अफगान टीम को पाकिस्तान में निशाना बनाया जा सकता है।
📌 यह प्रदर्शन एक साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
इसी के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पाकिस्तान पहले ही चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बिरादरी को भरोसा दिला रहा है कि टूर्नामेंट पूरी तरह सुरक्षित होगा। लेकिन इंग्लैंड-अफगानिस्तान मैच पर मंडरा रहा खतरा अब एक बड़ी चिंता बन चुका है।
अब सवाल यह है कि क्या इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड इस विरोध प्रदर्शन के दबाव में आकर अफगानिस्तान के खिलाफ मैच से पीछे हटेगा? क्या ICC इस पूरे विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देगा? और सबसे बड़ा सवाल – क्या पाकिस्तान सरकार इस खतरे को टालने के लिए कड़े कदम उठा पाएगी?
अभी तक इस मुद्दे पर ICC और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जिस तरह से सोशल मीडिया पर “उल्टी गिनती” वाले संदेश फैल रहे हैं, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के लिए एक बड़ा आयोजन है, लेकिन अगर सुरक्षा की गारंटी नहीं दी गई, तो यह टूर्नामेंट किसी बड़े विवाद का शिकार हो सकता है।