US Navy ने DeepSeek AI ऐप के इस्तेमाल से कर्मचारियों को चेताया, सुरक्षा खतरे को लेकर बढ़ी चिंताएं

DeepSeek AI :-टेक्नोलॉजी की दुनिया में इन दिनों DeepSeek AI चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। यह एक चीनी AI मॉडल है, जाने इसके बारे में ? DeepSeek

DeepSeek Ai:-टेक्नोलॉजी की दुनिया में DeepSeek AI इन दिनों चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। यह एक चीनी AI ऐप है, जिसने Apple के App Store पर OpenAI के ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन इसकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही सुरक्षा और नैतिकता से जुड़े बड़े सवाल भी उठने लगे हैं।

अब अमेरिका और यूरोप की सरकारें और संस्थाएं DeepSeek को लेकर सतर्क हो गई हैं। हाल ही में, अमेरिकी नौसेना (US Navy) ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे इस AI का उपयोग बिल्कुल न करें। इतना ही नहीं, यूरोप में भी DeepSeek के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि यह AI क्यों इतना विवादों में आ गया है।

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DeepSeek क्या है

DeepSeek एक ओपन-सोर्स AI मॉडल है, जिसका मतलब है कि इसे कोई भी मुफ्त में इस्तेमाल कर सकता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका डेवलपमेंट सिर्फ 6 मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ रुपये) में हुआ, जो कि OpenAI और Google जैसी कंपनियों की तुलना में बेहद कम लागत है।

इसके कम लागत में तैयार होने के बावजूद यह काफी पावरफुल AI साबित हुआ है, जिसने ChatGPT को भी टक्कर दे दी है। जब यह खबर आई कि चीन की एक कंपनी ने इतनी कम कीमत में एक शक्तिशाली AI बना लिया है, तो इससे वित्तीय बाजारों में हलचल मच गईNvidia और Broadcom जैसी कंपनियों के शेयर गिर गए, क्योंकि ये कंपनियां AI चिप्स बनाने के लिए जानी जाती हैं और DeepSeek जैसी टेक्नोलॉजी उनके बिजनेस को प्रभावित कर सकती है।

US Navy ने DeepSeek को लेकर चेतावनी क्यों दी?

अमेरिका हमेशा से ही चीनी टेक्नोलॉजी पर संदेह की नजर रखता है। DeepSeek की सफलता को देखते हुए US Navy ने अपने कर्मचारियों को एक आधिकारिक ईमेल भेजा, जिसमें सख्त निर्देश दिए गए कि वे DeepSeek का उपयोग न करें, न ही इसे अपने फोन या लैपटॉप में डाउनलोड करें।

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US Navy ने क्या कहा?

ईमेल में साफ लिखा गया:

“हम आपको एक महत्वपूर्ण सूचना देना चाहते हैं, जो नए AI मॉडल DeepSeek से जुड़ी है। यह जरूरी है कि कोई भी कर्मचारी इस AI का उपयोग न करे, चाहे वह कार्य से जुड़ा हो या निजी इस्तेमाल के लिए हो।”

इस चेतावनी से साफ है कि अमेरिका को DeepSeek की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है। उनका मानना है कि यह मॉडल संवेदनशील डेटा लीक कर सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

यूरोप में DeepSeek के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू

सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि यूरोप भी DeepSeek को लेकर सतर्क हो गया है। यूरोपीय संगठन Euroconsumers ने इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी (DPA) के साथ मिलकर DeepSeek के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

DeepSeek पर क्या आरोप हैं?

यूरोप में General Data Protection Regulation (GDPR) नामक कड़ा डेटा सुरक्षा कानून लागू है। यूरोपीय एजेंसियों का कहना है कि DeepSeek इस कानून का उल्लंघन कर रहा है और यूजर्स के डेटा को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है।

इसी वजह से इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी (DPA) ने DeepSeek को आधिकारिक पत्र भेजकर 20 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है।

DPA की चेतावनी:

“DeepSeek के कारण लाखों इटालियनों का डेटा खतरे में है। हमें इस पर तुरंत जवाब चाहिए।”

अगर DeepSeek यूरोपीय कानूनों का उल्लंघन करता पाया गया, तो इस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है या इसे यूरोप में बैन भी किया जा सकता है।

DeepSeek पर इतना बवाल क्यों हो रहा है?

  1. चीनी टेक्नोलॉजी को लेकर संदेह: अमेरिका और यूरोप को डर है कि DeepSeek चीन सरकार से जुड़ा हो सकता है और इसके जरिए डेटा चोरी हो सकता है।
  2. डेटा सुरक्षा का मुद्दा: DeepSeek कैसे डेटा स्टोर करता है और उसे किस तरह उपयोग करता है, इस पर पारदर्शिता नहीं है।
  3. कम लागत में इतनी बड़ी AI सफलता: अमेरिका और यूरोप की बड़ी AI कंपनियों ने अरबों डॉलर खर्च किए हैं, जबकि DeepSeek ने सिर्फ 50 करोड़ रुपये में इसे बना लिया। यह कई सवाल खड़े करता है।
  4. वित्तीय बाजार पर असर: DeepSeek की सफलता के बाद AI चिप बनाने वाली कंपनियों के शेयर गिरने लगे, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई।

क्या DeepSeek पर बैन लग सकता है?

अमेरिका और यूरोप में DeepSeek के खिलाफ जो कदम उठाए जा रहे हैं, उससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में इस पर कड़े प्रतिबंध लग सकते हैं।

  • अमेरिका पहले ही सरकारी अधिकारियों को इसका उपयोग न करने की सलाह दे चुका है।
  • अगर यूरोप में GDPR उल्लंघन साबित हो जाता है, तो इसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है या वहां बैन भी किया जा सकता है।
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