Digital Personal Data Protection:-केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लंबे इंतजार के बाद डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट का मसौदा सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी कर दिया है। जाने इसके बारे में ? 

Digital Personal Data Protection:-केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act) का मसौदा शुक्रवार को जनता के विचार-विमर्श के लिए जारी कर दिया है। यह कदम 16 महीने के इंतजार के बाद आया है। इस मसौदे का मुख्य उद्देश्य लोगों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखना और डेटा प्राइवेसी से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करना है।
जनता
सरकार ने इस मसौदे पर जनता से उनकी राय मांगी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्तावित कानून जनता की जरूरतों और चिंताओं को ध्यान में रखता है।
- राय देने की आखिरी तारीख: 18 फरवरी 2025।
- कैसे दें राय: MyGov.in वेबसाइट पर जाकर आप अपने सुझाव साझा कर सकते हैं।
- गोपनीयता: जिन लोगों की राय ली जाएगी, उनके नाम गोपनीय रखे जाएंगे।
बच्चों के लिए नए नियम
मसौदे में बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं:
- आयु सीमा: 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी होगी।
- डेटा सुरक्षा: बच्चों और दिव्यांग व्यक्तियों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए खास प्रावधान किए गए हैं।
डेटा उल्लंघन पर भारी जुर्माना
मसौदा नियमों के अनुसार:
- पहली गलती: डेटा प्राइवेसी के नियमों का उल्लंघन करने पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- दूसरी गलती: अगर कोई कंपनी या संस्था दो बार ऐसा करती है, तो जुर्माने की राशि बढ़कर 500 करोड़ रुपये हो जाएगी।
User
मसौदे के तहत उपभोक्ताओं को कई अधिकार दिए गए हैं, जिनसे वे अपने डेटा पर नियंत्रण रख सकते हैं:
- डेटा कलेक्शन को रोकने का अधिकार: उपभोक्ता किसी कंपनी को अपना डेटा इकट्ठा करने से मना कर सकते हैं।
- डेटा सीमित करने का अधिकार: उपभोक्ता यह तय कर सकते हैं कि उनका डेटा कितने समय तक और किस हद तक इस्तेमाल किया जाए।
- डेटा हटाने का अधिकार: उपभोक्ता किसी कंपनी से अपने डेटा को हमेशा के लिए हटाने की मांग कर सकते हैं।
डेटा संरक्षण
यह मसौदा डेटा चोरी और दुरुपयोग जैसी समस्याओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने पर जोर देता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं का डेटा सुरक्षित और गोपनीय रहे।
18 फरवरी 2025 तक जनता से राय लेने के बाद सरकार इन सुझावों पर विचार करेगी और मसौदे को अंतिम रूप देगी। इसके बाद यह कानून के रूप में लागू किया जाएगा।
कानून
यह मसौदा न केवल डेटा प्राइवेसी को सुरक्षित बनाएगा बल्कि डिजिटल युग में उपभोक्ताओं और कंपनियों के बीच भरोसे को भी मजबूत करेगा।
अगर आप भी इस महत्वपूर्ण विषय पर अपनी राय रखना चाहते हैं, तो MyGov.in पर जाकर जरूर फीडबैक दें। आपकी राय इस कानून को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।