संदेशखाली से kolkata rape केस तक… Mamata government क्यों है मौन?”

जब एक राज्य की मुख्यमंत्री खुद महिला हो… तो उम्मीदें खुद-ब-खुद बढ़ जाती हैं। लोग सोचते हैं कि अब महिलाओं की आवाज दबेगी नहीं, न्याय मिलेगा – और डर, सड़कों से मिट जाएगा। जाने पूरी खबर ?  kolkata rape

kolkata rape:-पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिर एक बार विवादों में हैं। राज्य में महिलाओं के साथ लगातार हो रही दरिंदगी की घटनाओं ने उनकी सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया है। खास बात ये है कि ममता खुद एक महिला हैं और ऐसे में उनसे सख्त कदम उठाने की उम्मीद ज्यादा होती है। लेकिन बार-बार उनकी चुप्पी लोगों को निराश कर रही है।

Case 1: Sandeshkhali Sexual Harassment Incident

जनवरी 2024 में नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव से चौंकाने वाली खबर सामने आई। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने उनका यौन शोषण किया और उनकी जमीनें कब्जा लीं। महिलाएं खुलकर सामने आईं और अपनी आपबीती बताई।
लेकिन आरोप लगा कि राज्य की पुलिस और प्रशासन आरोपियों को बचा रहा है
इस मुद्दे पर खूब विरोध प्रदर्शन हुए और कोलकाता हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगाई, लेकिन फिर भी ममता सरकार का रवैया रक्षात्मक और टालमटोल वाला ही रहा।

Case 2: RG Kar Medical Student Assault

कुछ ही समय बाद एक और मामला सामने आया – कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना। इसमें भी TMC से जुड़े लोगों पर शक जताया गया।
प्रशासन ने पहले इसे दबाने की कोशिश की, लेकिन छात्र संगठनों और सोशल मीडिया के दबाव के बाद सरकार को जांच का आदेश देना पड़ा।
मामला इतना बढ़ा कि सुप्रीम कोर्ट को भी इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। आज भी इस मामले में कई लोग जेल में हैं।
इस घटना ने ममता बनर्जी की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया, क्योंकि जो लोग अब तक उनके साथ थे, उन्होंने भी सवाल पूछना शुरू कर दिया।

Case 3: Kolkata New Town Gangrape Case

ताजा मामला कोलकाता के न्यू टाउन इलाके से सामने आया है, जहां 23 साल की लड़की के साथ गैंगरेप हुआ।
लड़की को कुछ लोगों ने अगवा किया और उसके साथ दरिंदगी की।
यहाँ भी पुलिस पर मामला दर्ज करने में देरी और आरोपियों के भाग जाने जैसे आरोप लगे।
यह केस जैसे ही सामने आया, पूरे बंगाल में गुस्सा फैल गया। ममता सरकार पर फिर सवाल उठने लगे।

Political Turmoil Within TMC

अब हालात ये हो गए हैं कि TMC पार्टी के अंदर ही मतभेद और नाराज़गी सामने आने लगी है।
TMC की महिला मोर्चा की नेता ने खुद सरकार से सवाल पूछे।
कई युवा नेता और सोशल मीडिया पर सक्रिय समर्थक भी ममता की चुप्पी को लेकर नाराज़ हैं।
#दीदी_ये_चुप्पी_आपकी_नहीं_हो_सकती जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं।

Public Outrage and National Commission Blocked

इस केस में राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम जब पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया
सरकार ने जांच के लिए बनी SIT की टीम को 5 से बढ़ाकर 9 सदस्यीय कर दिया, लेकिन जनता इससे संतुष्ट नहीं है।
हर तरफ यही सवाल है कि क्या बंगाल अब महिलाओं के लिए असुरक्षित राज्य बनता जा रहा है?

Mamata’s Silence: A Political Liability?

बंगाल की राजनीति पर नज़र रखने वाले जानकार मानते हैं कि ममता बनर्जी की सबसे बड़ी ताकत – उनका महिला होना – अब उनकी सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है
जब-जब किसी महिला के साथ अत्याचार होता है, लोग ममता से व्यक्तिगत जवाब मांगते हैं।
पर अफसोस की बात यह है कि ऐसे मौकों पर ममता चुप रहती हैं। यह चुप्पी अब उनके समर्थकों को भी चुभने लगी है।

Public Sentiment: Where is the Street Fighter ‘Didi’?

लोग पूछ रहे हैं – वही ममता जो एक समय सड़क पर संघर्ष करने वाली ‘दीदी’ थीं, वो आज ऐसी घटनाओं पर खामोश कैसे हो सकती हैं?
जनता का भरोसा डगमगाने लगा है। हर घटना ममता सरकार के लिए एक नया राजनीतिक संकट लेकर आ रही है।

तीन गंभीर घटनाएं – संदेशखाली, RG Kar मेडिकल केस और न्यू टाउन गैंगरेप – अब ममता बनर्जी की नेतृत्व शैली और संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर चुकी हैं।
महिला मुख्यमंत्री होने का सम्मान अब एक जिम्मेदारी से ज्यादा एक बोझ बनता जा रहा है।
अब देखना यह है कि ममता इस आलोचना का जवाब कैसे देती हैं – चुप रहकर? या एक बार फिर सड़क पर उतर कर?

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