GB Road :-पुलिस ने कोठा नंबर 59 में करवाई करने के दौरान कही लड़कियों की फोटो पुलिस के हाथ में लगी , पुलिस को इन लड़कियों पर शक के है की इनसे जबरन जिश्मफरोशी का धंधा करवाया गया होगा आएगे जानते है क्या है पूरा मामला ?

GB Road:-दिल्ली का जीबी रोड, जोकि देश का सबसे बदनाम रेड लाइट एरिया माना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार यहां के कोठा नंबर 59 में चल रहे जिस्मफरोशी के धंधे का पर्दाफाश हुआ है। यह खुलासा तब हुआ जब कमला मार्किट थाना क्षेत्र में तैनात एक महिला पुलिस कांस्टेबल को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपनी पहचान छिपाई, लेकिन जो जानकारी उसने दी, वह इतनी महत्वपूर्ण थी कि महिला कांस्टेबल तुरंत एसएचओ के पास पहुंच गई और उन्हें इस बात की जानकारी दी।
पुलिस की कार्रवाई
फोन कॉल के तुरंत बाद, पुलिस ने एक टीम गठित की और बताए गए पते की ओर कूच कर गई। पुलिस का यह दल जब जीबी रोड के कोठा नंबर 59 पर पहुंचा, तो वहां भगदड़ मच गई। जिन लोगों ने अब तक न जाने कितनी मासूम लड़कियों की अस्मत तार-तार की थी, वे अब खुद अपनी अस्मत बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। लेकिन, पुलिस की यह कार्रवाई सफल रही, और उन्होंने दो नाबालिग लड़कियों को कोठे से रेस्क्यू कर लिया।
नाबालिग लड़कियों की दास्तान
पुलिस को बचाई गई दोनों नाबालिग लड़कियों की उम्र और हालत देखकर दहशत हो गई। उन्हें तुरंत एनजीओ के सुपुर्द किया गया, जहां उनकी काउंसलिंग कराई गई। इसके बाद, महिला पुलिस कर्मियों ने उनसे उनकी आपबीती सुनी। लड़कियों ने बताया कि उन्हें करीब एक साल पहले इस कोठे पर लाया गया था। उन्हें ऋषि और लालराम नाम के दो लड़के कोठा नंबर 59 की मालकिन किरण देवी को बेचकर चले गए थे।
पहले दोनों में हुआ प्यार फिर धोखा देकर भागे पीछे से घर वालो की हालत हुई ख़राब ?
किरण देवी को पता था कि दोनों लड़कियां नाबालिग हैं, लेकिन उसने सुनील नामक एक व्यक्ति की मदद से उनके फर्जी आधार कार्ड बनवाए, जिनमें उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक दिखाई गई। इस फर्जीवाड़े के चलते उन्हें जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और खुलासे
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किरण देवी और सुनील को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को सुनील के पास से एक दर्जन से अधिक फोटो मिले, जो विभिन्न उम्र की लड़कियों के थे। ये फोटो पुलिस के लिए एक नई चुनौती लेकर आए। पुलिस को शक है कि इन लड़कियों की उम्र भी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बदली गई हो और उन्हें जीबी रोड के अन्य कोठों में बेचा गया हो।
अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन एक दर्जन लड़कियों की पहचान करना और उनकी सच्चाई जानना है। पुलिस इस मामले की गहराई में जाकर जांच कर रही है, और आरोपियों से पूछताछ जारी है।
जीबी रोड और मानव तस्करी
जीबी रोड पर यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया हो। यह इलाका लंबे समय से मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति के लिए कुख्यात रहा है। यहां आए दिन मासूम लड़कियों को जबरन इस धंधे में धकेल दिया जाता है, और उनकी अस्मत के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
पुलिस की यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल दो नाबालिग लड़कियों को बचाने में सफल रही, बल्कि इसने इस धंधे के पीछे छिपी एक बड़ी साजिश का भी पर्दाफाश किया। सुनील के पास से मिली फोटो इस बात की पुष्टि करती है कि यह मामला केवल दो लड़कियों का नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए नाबालिग लड़कियों को जीबी रोड पर बेच रहा है।
फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है और यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस घिनौने धंधे के पीछे काम कर रहे पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो जाएगा। इस मामले ने एक बार फिर से समाज के उस काले सच को उजागर किया है, जहां मासूम लड़कियों को उनकी मर्जी के खिलाफ इस धंधे में धकेला जा रहा है। अब देखना यह है कि पुलिस कितनी तेजी से इस मामले की जांच करती है और दोषियों को सजा दिलाने में सफल होती है।