Gujara Bhatta:-बॉम्बे हाईकोर्ट ने लिया अनोखा फैसला इस बार पत्नी को देना होगा पति को महीने का गुजरा बत्ता , जाने क्या था मामला ?

Court order on Gujara Bhatta: –जब घर में किसी तरह की लड़ाई पति पत्नी के बीच होती है तो इनकी लड़ाई कोर्ट तक पहुंच जाती है मामला बड़ा होने पर अधिकतर फैसला पत्नी के पक्ष में आता है जिससे पति को पत्नी को गुजरा बत्ता देना पड़ता है लेकिन इस मामले में कोर्ट ने पति पक्ष में यह फैसला दिया है पत्नी को हर महीने में गुजरा बत्ता के रूप में पति को कुछ रूपए देने होंगे।
यह मामला 13 मार्च 2020 का है जिसमे कल्याण की कोर्ट ने पत्नी को दिव्यांग पति को हर महीने दस हजार रुपये देने का आदेश दिया था. लेकिन, निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पत्नी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी.
पति और पत्नी क्या कहना था :-इस मामले में पत्नी का कहना है की मेरे द्वारा होम लोन भी देना है और मेरे बच्चे अभी नाबालिग है उनकी परवरिस करनी है , और इसका यह भी कहना है की मैंने कुछ महीने पहले ही अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है , ऐसे में मेरे पास गुजरा बत्ता देने में असमर्थ हूं। ऐसे में पति के वकील का कहना है की अगर इनका कोई भी नौकरी नहीं है तो होम लोन और बच्चे का खर्चा कैसे चला पा रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी सुनवाई करते हुए यह माना की जो निचली अदालत के द्वारा जो फैसला दिया गया था वो सही माना है। और उनके ही फैसले को कायम रखा, जिसके अनुसार पत्नी को हर महोने पति को 10 हजार देने होंगे। कोर्ट ने यह फैसला पति को मेंटेनेंस देने के खिलाफ पत्नी की याचिका को खारिज करते हुए सुनाया.
बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला:-सविंधान के हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के आधार पर यह फैसला लिया गया था। फैसला सुनाते समय कोर्ट ने जीवन साथी शब्द का काफी इस्तेमाल करा था।
पति की स्थिति :-अदालत में पति की ख़राब आर्थिक स्थिति के चलते महिला को यह फैसला दिया की वो हर महीने अपनी सैलेरी में से 5 हजार रूपए कोर्ट में जमा करा देने का फैसला दिया है , और दूसरा फैसला यह भी आया है की वो अपने पति को गुजरा बत्ता देना होगा।