HMPV का खतरा, चीन के बाद भारत में दस्तक, 3 बच्चों में संक्रमण की पुष्टि

HMPV Virus:-ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (Human Metapneumovirus) एक सांस से जुड़ा वायरस है जो Primary रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर Immunity प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। जाने इसके बारे में ? HMPV

HMPV Virus:-ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV) एक सांस से जुड़ा वायरस है, जो मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। यह वायरस सांस की नली (रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट) को संक्रमित करता है और निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। यह वायरस पहली बार 2001 में खोजा गया था और यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के समान है।

यह कैसे फैलता है?

HMPV वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यह खांसने, छींकने, हाथ मिलाने, या संक्रमित सतह को छूने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैल सकता है। यह वायरस सर्दियों और वसंत ऋतु में अधिक सक्रिय रहता है। 

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HMPV के लक्षण

HMPV के लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में यह गंभीर रूप ले सकता है। इसके लक्षण हैं:

  1. बुखार
  2. नाक बंद या बहना
  3. खांसी और गले में खराश
  4. सांस लेने में कठिनाई
  5. थकान और कमजोरी
  6. छोटे बच्चों में तेज सांस लेना या दूध पीने में कठिनाई

अगर समय पर इलाज न हो तो यह निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

भारत में स्थिति

भारत में अब तक HMPV के तीन मामले सामने आए हैं।

  1. बेंगलुरु: कर्नाटक के बैपटिस्ट अस्पताल में 8 महीने के एक बच्चे और 3 महीने की बच्ची में HMPV पाया गया।
  2. गुजरात: एक और मामला गुजरात में पाया गया।

इन मामलों ने स्वास्थ्य सेवाओं को सतर्क कर दिया है, क्योंकि संक्रमित बच्चे किसी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर नहीं गए थे।

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चीन मामले

चीन में HMPV के कई मामले सामने आए हैं, जहां अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों के अनुसार, अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग सांस से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए आ रहे हैं। HMPV के अलावा, चीन में इन्फ्लुएंजा ए और माइकोप्लाज्मा जैसे वायरस भी फैले हुए हैं।

HMPV कोरोना जैसा खतरनाक

विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV, कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है। यह एक सामान्य फ्लू जैसा वायरस है, जो ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है।

  • वैक्सीन और इलाज: फिलहाल HMPV के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जैसे बुखार और खांसी को नियंत्रित करना।
  • सावधानी: कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को अतिरिक्त सतर्क रहना चाहिए।

बचाव 

  1. हाथ धोएं: साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं।
  2. मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करें।
  3. साफ-सफाई का ध्यान रखें: संक्रमित सतहों और वस्तुओं को नियमित रूप से साफ करें।
  4. इम्यूनिटी बढ़ाएं: पौष्टिक भोजन और पर्याप्त नींद लें।
  5. बीमार व्यक्तियों से दूरी: संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें।
  6. डॉक्टर से परामर्श: लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

भारत सरकार की तैयारी

भारत सरकार ने HMPV को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारियों (SARI) की निगरानी के लिए निर्देश दिए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भी चीन में स्थिति पर नियमित अपडेट लिया जा रहा है। 

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