Apple एक बार फिर अपने iPhone यूजर्स के लिए एक बड़ा और रोमांचक बदलाव लाने की तैयारी में है। जहां अब तक Siri को iPhone का डिफॉल्ट वॉयस असिस्टेंट माना जाता था,जाने इसके बारे में ? 

iPhone Voice:-Apple अपने iPhone यूजर्स के लिए एक बड़ा और रोमांचक बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है। जल्द ही यूजर्स को Siri की जगह ChatGPT, Google Gemini या Google Assistant को अपने डिफॉल्ट वॉयस असिस्टेंट के रूप में चुनने का विकल्प मिल सकता है। यह बदलाव खासतौर पर यूरोपीय देशों में दिखाई देगा और इसके पीछे वजह है यूरोपीय यूनियन का नया कानून – Digital Markets Act (DMA)।
क्या है ये बदलाव?
Apple ने 2011 में जब iPhone 4s के साथ Siri को लॉन्च किया था, तब यह एक बड़ा इनोवेशन माना गया था। लेकिन समय के साथ कई यूजर्स ने शिकायत की कि Siri जटिल सवालों का सही जवाब नहीं दे पाती। उदाहरण के लिए, अगर आप Siri से पूछें कि “पहला iPhone कब लॉन्च हुआ था?”, तो Siri सीधा जवाब देने के बजाय वेबपेज के लिंक दिखा देती है।
अब टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ चुकी है और ChatGPT या Google Gemini जैसे AI-पावर्ड वर्चुअल असिस्टेंट्स बहुत अधिक स्मार्ट और इंसानों की तरह बातचीत करने में सक्षम हैं। ये न सिर्फ आपके सवालों का सटीक जवाब देते हैं, बल्कि लंबे और जटिल सवालों को भी आसानी से समझ सकते हैं।
क्यों आ रहा है यह बदलाव?
यह बदलाव Apple की मर्जी से नहीं बल्कि यूरोपीय यूनियन के नियमों की वजह से हो रहा है। Digital Markets Act (DMA) एक ऐसा कानून है जो बड़ी टेक कंपनियों को यूजर्स को सीमित विकल्प देने से रोकता है। इसका मकसद ये है कि कोई भी कंपनी अपने सिस्टम में सिर्फ अपने ही ऐप्स और सेवाओं को थोप न सके।
DMA के नियमों के अनुसार, Apple को अब अपने यूजर्स को वॉयस असिस्टेंट चुनने की आज़ादी देनी होगी। यानी iPhone यूजर्स Siri के अलावा ChatGPT, Google Assistant या Gemini जैसे AI टूल्स को भी डिफॉल्ट असिस्टेंट बना सकेंगे।
शुरुआत कहां से होगी?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बदलाव सबसे पहले यूरोपीय देशों में लागू होगा। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगर ये सफल रहा, तो Apple धीरे-धीरे इस विकल्प को दुनिया के बाकी हिस्सों, जैसे भारत में भी उपलब्ध कराएगा।
क्या फर्क पड़ेगा यूजर्स को?
इस बदलाव के बाद iPhone यूजर्स को और भी पावरफुल वॉइस असिस्टेंट्स तक एक्सेस मिलेगा। Siri की तुलना में ChatGPT और Gemini ज्यादा तेज़, स्मार्ट और बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर:
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ChatGPT आपके सवालों का लंबे और समझदारी भरे जवाब देता है।
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Gemini Google की ताकत के साथ तेज़ और सटीक जानकारी देता है।
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दोनों AI असिस्टेंट्स आपकी बातचीत की शैली को समझते हैं और इंसानों की तरह प्रतिक्रिया देते हैं।
अभी भारत में क्या कर सकते हैं iPhone यूजर्स?
चूंकि फिलहाल ये फीचर भारत में उपलब्ध नहीं है, लेकिन फिर भी आप कुछ चीज़ें कर सकते हैं:
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Google Assistant इंस्टॉल करें – App Store पर जाकर Google Assistant ऐप डाउनलोड करें और वॉइस-बेस्ड कामों के लिए इस्तेमाल करें।
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ChatGPT या Gemini का यूज़ करें – ChatGPT और Gemini की ऐप्स डाउनलोड करके आप इनसे अपने सवाल पूछ सकते हैं। ये Siri की तुलना में ज्यादा बेहतर जवाब देंगे।
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बेसिक कामों के लिए Siri का इस्तेमाल करें – अलार्म सेट करना, रिमाइंडर लगाना या कॉल करना जैसे छोटे कामों के लिए Siri अब भी काम आती है।
भविष्य में क्या उम्मीद कर सकते हैं?
अगर ये बदलाव सफल रहता है, तो Apple आने वाले समय में ग्लोबली ये विकल्प ला सकता है। यानी भारत सहित दुनिया भर के यूजर्स को Siri से हटकर और भी स्मार्ट AI असिस्टेंट चुनने का मौका मिल सकता है।
Apple का ये कदम टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। जहां पहले यूजर्स सिर्फ Siri पर निर्भर थे, वहीं अब उन्हें ChatGPT या Gemini जैसे एडवांस्ड विकल्प मिलेंगे। इससे iPhone यूजर्स को ज्यादा फ्रीडम और बेहतर अनुभव मिलेगा।