Japan ने बनाया दुनिया का पहला ‘बिजली खींचने वाला’ ड्रोन!

अब आसमान से गिरने वाली बिजली सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि नियंत्रित ताकत बन सकती है। जापान की मशहूर टेक कंपनी NTT ग्रुप ने एक ऐसा अनोखा ड्रोन तैयार किया है जो न सिर्फ आसमानी बिजली को अपनी ओर खींचता है, जाने इसके बारे में ? Japan electric puller

Japan electric puller:-जापान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह तकनीक की दुनिया में सबसे आगे है। इस बार टोक्यो की एक बड़ी टेक कंपनी ने ऐसा दावा किया है, जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। कंपनी का कहना है कि उसने एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो बिजली की चमकती हुई चिंगारी को आसमान से खींच सकता है, और उसे धरती तक सुरक्षित रूप से पहुंचा सकता है।

यह सिर्फ बिजली को आकर्षित ही नहीं करता, बल्कि उसे सह भी सकता है — यानी बिजली गिरने के बाद भी ड्रोन हवा में उड़ता रहता है। अगर यह सच है, तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी खोज हो सकती है। इससे उन शहरों, गांवों और इलाकों को बचाया जा सकता है, जो हर साल बिजली गिरने से भारी नुकसान उठाते हैं।

🌩️ हर मिनट 6,000 बार गिरती है बिजली

आपको जानकर हैरानी होगी कि हर मिनट दुनिया में करीब 6,000 बार बिजली गिरती है। और एक बार बिजली गिर जाए, तो वो:

  • जंगलों में आग लगा सकती है

  • इमारतों की दीवारें तोड़ सकती है

  • पेड़ों को फाड़ सकती है

  • और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को पूरी तरह बर्बाद कर सकती है

अब तक हम इससे बचने के लिए इमारतों पर लाइटनिंग रॉड लगाते रहे हैं। लेकिन जापान की यह टेक्नोलॉजी इस पारंपरिक तरीके से कहीं आगे की चीज है।

🚁 ड्रोन का टेस्ट: तूफान में हुआ एक्सपेरिमेंट

NTT ग्रुप नाम की जापानी कंपनी का कहना है कि उन्होंने दिसंबर 2024 में जापान के शिमाने इलाके की एक पहाड़ी पर इस ड्रोन को टेस्ट किया। जैसे ही तूफान आया, उन्होंने ड्रोन को 300 मीटर की ऊंचाई तक उड़ाया। उसके साथ एक तार (कंडक्टिव वायर) जोड़ा गया जो नीचे ज़मीन पर एक स्विच से जुड़ा था।

जैसे ही स्विच चालू किया गया, उस तार में बिजली की धारा बहने लगी। इससे ड्रोन के चारों तरफ इलेक्ट्रिक फील्ड (बिजली का क्षेत्र) बन गया और तभी बिजली की एक तेज़ चमक उसी ड्रोन पर गिरी।

अब हैरानी की बात ये है कि बिजली गिरने के बावजूद, ड्रोन हवा में टिका रहा। हां, उसका ऊपर का हिस्सा थोड़ा पिघल गया, लेकिन अंदरूनी मशीनरी सुरक्षित रही।

🔬 पहले भी हुई हैं कोशिशें – लेकिन यह तरीका अनोखा है

बिजली को कंट्रोल करने की कोशिशें पहले भी की गई हैं। हाल के सालों में कुछ वैज्ञानिकों ने लेजर किरणों का इस्तेमाल करके बिजली को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश की थी। इस विचार की शुरुआत 1974 में हुई थी, लेकिन अब जाकर थोड़ा-बहुत कामयाबी मिली है।

लेकिन NTT का यह ड्रोन लेजर तकनीक से बिल्कुल अलग है। यह एक खास मेटल केज में रखा गया है, जिसे “फैरेडे केज” कहा जाता है। इसका काम यह होता है कि बिजली को बाहर ही घुमा दे, ताकि ड्रोन के अंदर के नाज़ुक हिस्से सुरक्षित रहें।

⚠️ लैब टेस्ट में झेली 5 गुना ताकतवर बिजली

इस ड्रोन को लैब में भी आर्टिफिशियल बिजली की मार झेलनी पड़ी, जो सामान्य बिजली से 5 गुना ज्यादा शक्तिशाली थी। इसके बावजूद ड्रोन ने खुद को संभाल लिया।

NTT का कहना है कि उनका सपना सिर्फ बिजली से बचाव करना नहीं है, बल्कि भविष्य में इसी बिजली को संग्रह (स्टोर) करके उपयोग में लाना भी है। यानी आकाशीय बिजली को इकट्ठा करके हम आगे चलकर उसका इस्तेमाल कर सकें — जैसे बैटरियों में एनर्जी स्टोर करके।

🤔 लेकिन अभी भी कई सवाल बाकी हैं

इस तकनीक पर अभी सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि इसे अब तक किसी वैज्ञानिक जर्नल में रिव्यू नहीं किया गया है। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि इतनी तेज़ और विशाल ऊर्जा को स्टोर करना अभी के समय में लगभग नामुमकिन है। हमारे पास ऐसी बैटरियां नहीं हैं जो इतनी पावर को संभाल सकें।

लेकिन फिर भी, अगर यह तकनीक सच साबित होती है, तो यह आने वाले समय में आसमान से गिरने वाली बिजली को एक दोस्त में बदल सकती है, जिससे हम ऊर्जा भी बना सकें और नुकसान से बच भी सकें।

जापान की यह नई खोज बेहद दिलचस्प है और भविष्य में इसका बड़ा असर हो सकता है। बिजली जैसी खतरनाक ताकत को अगर हम कंट्रोल करना सीख जाएं, तो ना सिर्फ हम जान-माल की रक्षा कर सकेंगे, बल्कि बिजली के नए स्रोत भी खोज सकेंगे।

हालांकि यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और वैज्ञानिक जांच बाकी है, लेकिन इतना जरूर है कि NTT का यह ड्रोन इतिहास की किताबों में दर्ज हो सकता है।

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