झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। टाटा स्टील कंपनी में काम करने वाले एक सीनियर मैनेजर ने अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। जाने इसके बारे में ? 

Jharkhand News:-झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद खबर सामने आई है। टाटा स्टील कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी और दो मासूम बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। यह दर्दनाक घटना आदित्यपुर थाना क्षेत्र के गम्हरिया स्थित चित्रगुप्त नगर इलाके की है।
बताया जा रहा है कि कृष्ण कुमार पिछले कुछ समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और इसी वजह से वो गहरे डिप्रेशन में चले गए थे।
कैंसर की खबर के बाद टूट गया हौंसला
परिजनों की मानें तो कुछ समय पहले ही कृष्ण कुमार का मुंबई में इलाज हुआ था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें कैंसर होने की पुष्टि की और कीमोथेरेपी लेने की सलाह दी। इलाज के लिए उन्होंने कंपनी में आवेदन भी दिया था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
उनके करीबी लोगों का कहना है कि बीमारी और इलाज की चिंता ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था। शायद उन्हें लगने लगा था कि अब कोई उम्मीद नहीं बची, और इसी डर और तनाव ने उन्हें इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
कैसे चला पूरे मामले का पता?
यह पूरी घटना तब सामने आई जब पड़ोसियों को शक हुआ कि कृष्ण कुमार के घर से कोई भी व्यक्ति काफी देर से बाहर नहीं निकला। दरवाजा खटखटाने पर भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
आदित्यपुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जब दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का मंजर देखकर हर कोई सन्न रह गया। कमरे में चारों के शव फंदे से लटके हुए मिले।
पुलिस और फोरेंसिक टीम कर रही है जांच
पुलिस ने तुरंत फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया और जांच शुरू कर दी। शुरुआती जांच में मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस हर एंगल से मामले की पड़ताल कर रही है।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।
यह खबर फैलते ही पूरे इलाके में मातम छा गया। पड़ोसियों और जानने वालों को विश्वास नहीं हो रहा है कि एक पढ़ा-लिखा, नौकरीपेशा व्यक्ति ऐसा भी कर सकता है। खासकर जब वो अपनी पत्नी और दो बेटियों को भी साथ ले गया।
लोग इस बात से दुखी हैं कि अगर समय पर मदद या काउंसलिंग मिलती, तो शायद आज एक पूरा परिवार जिंदा होता।
पुलिस का कहना है कि कृष्ण कुमार कैंसर की बीमारी से डिप्रेशन में थे। यह साफ संकेत हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना जरूरी है। पुलिस फिलहाल इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है — क्या यह सच में सामूहिक आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और वजह छुपी है?
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को हम कितनी गंभीरता से लेते हैं?
अगर समय रहते इलाज के साथ-साथ भावनात्मक सहारा भी दिया जाता, तो शायद आज यह परिवार जिंदा होता। ये एक चेतावनी भी है – हमें अपनों के दर्द को समझना और उनके साथ खड़े रहना बहुत ज़रूरी है।