PM Modi China LAC:-LAC पर काफी दिनों से लम्बा विवाद चल रहा है लेकिन अब इस पर विवाद खत्म हो सकता है क्योकिं इस पर पीएम मोदी इसके आर्थिक सुधार पर ध्यान दे रही है जाने पूरी खबर।

LAC Tension:-वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि की एलएसी इस पर काफी लम्बे समय से विवाद चल रहा है। इस द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के लिए भारत के प्रधानमत्रीं नरेंद्र मोदी चीन से इसके बारे में बात कर रही है। इसको जल्द से जल्द निपटाने पर जोर दे रही है। इसलिए चीन और भारत के बीच में शांतिपूर्ण संबंध बनाना एक महत्वपूर्ण बात है।
पीएम मोदी ने क्या कहा:-पीएम मोदी का मानना है की ” हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को तुरंत हल करने की जरूरत है ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत फिर से सामान्यत हो सके.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे आशा और विश्वास है कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से, हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे.”
चीन के इस प्रतिस्पर्धा के बारे में न्यूजवीक पत्रिका में के बार में पीएम मोदी ने कहा था की भारत ने अपने आर्थिक सुधारों पर बल दिया है और हमें भी अपने पडोसी देशो से अच्छे सम्बन्ध और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की मांग करने वाले व्यवसायों के लिए देश को एक आकर्षक विकल्प के रूप में तैयार बताया. और आगे यह भी कहा था की ‘ भारत एक लोकतांत्रिक राजनीति और वैश्विक आर्थिक विकास इंजन के रूप में, अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने की चाहत रखने वालों के लिए एक स्वाभाविक पसंद है.”
पीएम ने बातो ही बातो में कही सेक्टर के बारे में बोल दिया जिसमे वस्तु एवं सेवा कर, कॉर्पोरेट कर में कटौती, दिवालियापन संहिता और श्रम कानून सुधार जैसे प्रमुख सुधारों की ओर इशारा किया, ऐसा होने पर भारत के व्यापार में काफी सुधार होगा। “हम अपने नियामक ढांचे, अपनी कराधान प्रथाओं के साथ-साथ अपने बुनियादी ढांचे को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने का प्रयास कर रहे हैं.”
पीएम मोदी का मानना है की ‘ जब दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा वाला हमारे देश में निवास करता है और इन सभी के क्षेत्रों में वैश्विक मानकों को अपनाएगा, तो इसका दुनिया पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.” उन्होंने इंटरव्यू के दौरान भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर मॉड्यूल, चिकित्सा उपकरणों और ऑटोमोबाइल सहित 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं जैसी पहल पर प्रकाश डाला.