पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है, जाने पूरी खबर ? 

Murshidabad violence:-इन दिनों देश में एक कानून को लेकर काफी चर्चा हो रही है — वक्फ कानून। संसद में ये बिल पास हो चुका है और अब ये देश का कानून बन गया है। अगर किसी को इस कानून से दिक्कत है, तो उसका रास्ता भी साफ है — सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। कई याचिकाएं भी जा चुकी हैं और कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। लेकिन इस कानून की आड़ में देश का माहौल खराब करने का हक किसी को नहीं है।
📍 क्या हो रहा है पश्चिम बंगाल में?
पश्चिम बंगाल, खासकर मुर्शिदाबाद में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। 8 अप्रैल से वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, जो अब हिंसक रूप ले चुके हैं। धुलियान, शमशेरगंज, सूती, जंगीपुर और निमतिता जैसे इलाकों में पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ हुई है।
अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक पिता-पुत्र और एक नाबालिग भी शामिल हैं। 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने हालात को देखते हुए केंद्रीय बल तैनात करने का आदेश दिया है। अब हिंसा धीरे-धीरे साउथ 24 परगना तक फैल गई है।
📊 मुर्शिदाबाद की मुस्लिम आबादी क्यों मुद्दा बनी?
मुर्शिदाबाद में 2011 की जनगणना के मुताबिक 66.3% मुस्लिम आबादी है। इसी वजह से विरोध की लहर सबसे पहले यहीं उठी। लेकिन सवाल ये है कि जब यूपी, बिहार और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में भी मुस्लिम आबादी है, तो वहां क्यों शांति है?
📢 अन्य राज्यों में मुसलमान बेफिक्र क्यों?
भारत में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले पांच राज्य हैं:
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उत्तर प्रदेश
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पश्चिम बंगाल
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बिहार
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महाराष्ट्र
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असम
इनमें सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हिंसा हो रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है — सियासत।
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। वोट बैंक की राजनीति के चलते सियासी पार्टियां आग में घी डाल रही हैं।
बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी वाले ही लोगों को भड़का रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ नेता यह अफवाह फैला रहे हैं कि वक्फ कानून से मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे।
📱 सोशल मीडिया पर टूलकिट का खेल
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसे ऐप के ज़रिए एक टूलकिट चलाया जा रहा है। इसमें ये बताया जा रहा है कि कहां-कैसे विरोध करना है, किस जगह प्रदर्शन करना है।
इसका पैटर्न 2019 में CAA विरोध जैसा है। तब भी इसी तरह सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों को उकसाया गया था।
📌 नतीजा क्या हुआ?
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सैकड़ों हिंदू परिवार डर के मारे पलायन कर चुके हैं।
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सैकड़ों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
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तीन लोगों की जान चली गई।
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बंगाल की फिज़ा में डर और तनाव है।
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क्या वाकई ये सब वक्फ कानून के खिलाफ गुस्सा है या सियासी चाल?
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बाकी राज्यों के मुसलमान अगर शांत हैं, तो बंगाल में कौन माहौल बिगाड़ रहा?
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क्या चुनावी राजनीति में फिर एक बार दंगे की साजिश हो रही है?
इस पूरे मामले का जवाब आने वाले वक्त में सामने आएगा, लेकिन ये साफ है कि कानून के नाम पर हिंसा किसी भी हाल में सही नहीं ठहराई जा सकती।