महान वैज्ञानिक सर आइज़ैक न्यूटन का नाम विज्ञान की दुनिया में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनके गति और गुरुत्वाकर्षण के नियमों ने आधुनिक भौतिकी की नींव रखी। जाने पूरा सच ? 

Newton:-आइज़ैक न्यूटन—यह नाम सुनते ही हमारे दिमाग में गुरुत्वाकर्षण और गति के नियम आ जाते हैं। न्यूटन ने विज्ञान की दुनिया में कई महत्वपूर्ण खोजें कीं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वे विज्ञान के अलावा धार्मिक ग्रंथों में भी रुचि रखते थे। उन्होंने गणित के साथ-साथ बाइबिल का भी गहन अध्ययन किया था। इसी दौरान उन्होंने यह भविष्यवाणी की थी कि साल 2060 तक दुनिया खत्म हो सकती है।
न्यूटन ने कैसे की दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी?
न्यूटन ने इस भविष्यवाणी को किसी साइंटिफिक पेपर में नहीं लिखा था, बल्कि इसे एक लंबी पर्ची पर दर्ज किया था। उन्होंने बाइबिल में लिखी गई कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए गणनाएं कीं और यह अनुमान लगाया कि रोमन साम्राज्य के 800 ईस्वी में स्थापित होने के बाद से धरती की उल्टी गिनती शुरू हो गई। उनके हिसाब से यह उल्टी गिनती 1260 साल तक चलेगी, जो 2060 में पूरी होगी।
हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि न्यूटन यह नहीं कह रहे थे कि 2060 में दुनिया खत्म हो जाएगी, बल्कि उनका मतलब था कि 2060 से पहले दुनिया खत्म नहीं होगी।
वैज्ञानिक न्यूटन की भविष्यवाणी को क्यों नहीं मानते?
आज के वैज्ञानिक न्यूटन की इस गणना को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते। इसके पीछे कई कारण हैं—
- न्यूटन ने यह गणना साधारण अंकगणित के आधार पर की थी, जो वैज्ञानिक रूप से मजबूत नहीं मानी जाती।
- उन्होंने बाइबिल और धार्मिक ग्रंथों से प्रेरणा लेकर यह भविष्यवाणी की थी, जबकि आधुनिक विज्ञान ऐसे अनुमान धार्मिक आधार पर नहीं लगाता।
- आज के वैज्ञानिक मानते हैं कि दुनिया का अंत कभी न कभी होगा, लेकिन यह 2060 में होगा या नहीं, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
क्या सच में दुनिया खत्म हो सकती है?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो दुनिया के अंत के कई संभावित कारण हो सकते हैं, लेकिन यह किसी निश्चित तारीख को नहीं होगा। कुछ संभावित कारण ये हैं—
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सूर्य का अंत:
- सूर्य 5-7 अरब साल बाद जब अपने जीवन के अंतिम चरण में पहुंचेगा, तो वह एक विशाल तारे (Red Giant) में बदल जाएगा।
- इस दौरान वह बुध, शुक्र और संभवतः पृथ्वी को भी निगल सकता है।
- लेकिन यह अभी से अरबों साल दूर की बात है, इसलिए हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
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विशाल एस्टेरॉयड (उल्का) का टकराव:
- वैज्ञानिक मानते हैं कि 6.6 करोड़ साल पहले डायनासोर एस्टेरॉयड की टक्कर से विलुप्त हो गए थे।
- अगर भविष्य में कोई बहुत बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा गया, तो यह पृथ्वी के लिए खतरा हो सकता है।
- हालांकि, नासा और अन्य स्पेस एजेंसियां लगातार ऐसे एस्टेरॉयड्स की निगरानी कर रही हैं और उनके टकराने की संभावना बहुत कम है।
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गामा रे विस्फोट:
- अगर किसी सुपरनोवा (विशाल तारा विस्फोट) से गामा रे की तीव्र किरणें पृथ्वी पर गिरें, तो यह हमारे वायुमंडल को नष्ट कर सकती हैं।
- लेकिन यह घटना बेहद दुर्लभ होती है, इसलिए इसकी संभावना भी काफी कम है।
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परमाणु युद्ध:
- आज दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या काफी बढ़ गई है।
- अगर कभी कोई बड़ा परमाणु युद्ध हुआ, तो यह पूरी मानव सभ्यता को नष्ट कर सकता है।
- हालांकि, दुनिया के देश शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं ताकि ऐसा न हो।
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जलवायु परिवर्तन:
- ग्लोबल वॉर्मिंग, बर्फ के पिघलने और मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव भी धरती के लिए बड़े खतरे हैं।
- अगर हम समय पर कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में यह दुनिया को गंभीर स्थिति में पहुंचा सकता है।
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ब्लैक होल का प्रभाव:
- अगर कोई विशाल ब्लैक होल पृथ्वी के पास आ गया, तो यह हमारे सौर मंडल को नष्ट कर सकता है।
- लेकिन अभी तक कोई ऐसा ब्लैक होल पृथ्वी के करीब नहीं देखा गया है।
निष्कर्ष: क्या 2060 में सच में दुनिया खत्म होगी?
न्यूटन की भविष्यवाणी धार्मिक और गणितीय आधारों पर थी, वैज्ञानिक आधारों पर नहीं। आज के वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया का अंत किसी खास साल में होने वाला नहीं है, बल्कि यह एक लंबी प्रक्रिया होगी।
हाँ, अगर हम पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते रहे, परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ता रहा, या किसी बड़े अंतरिक्षीय घटना (जैसे एस्टेरॉयड टकराव) की चपेट में आ गए, तो यह मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। लेकिन 2060 में दुनिया खत्म होने की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है।
तो हमें क्या करना चाहिए?
दुनिया कब खत्म होगी, यह कोई नहीं जानता। लेकिन हम अपनी धरती को बचाने के लिए सही कदम उठा सकते हैं:
- जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पर्यावरण की रक्षा करें।
- शांति बनाए रखने के लिए युद्धों से बचें।
- नई वैज्ञानिक तकनीकों पर काम करें, ताकि भविष्य में खतरों से निपटा जा सके।
तो घबराने की जरूरत नहीं है! 2060 में दुनिया खत्म होगी या नहीं, यह भविष्य ही बताएगा, लेकिन हमें अपने वर्तमान को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।