One Nation One Election:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर अपने इरादे साफ कर दिए हैं, और बीजेपी इस प्रस्ताव को मजबूती से आगे बढ़ा रही है, भले ही तीसरे कार्यकाल में अपेक्षाकृत कम वोट मिले हों। इसके बावजूद, बीजेपी को यह साहसिक कदम उठाने की ताकत अपने सहयोगी दलों के समर्थन से मिली है।

One Nation One Election:-भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को लेकर एक स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार बनाने के बाद, इस मुद्दे को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, समय और संसाधनों की बचत करना, और विकास योजनाओं को निरंतरता प्रदान करना है।
केंद्र को सहयोगी दलों का पूरा समर्थन
बीजेपी का यह रुख तब और मजबूत होता है जब केंद्रीय सरकार को सहयोगी दलों का पूरा समर्थन मिल रहा है। जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू), जो कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का एक प्रमुख घटक दल है, ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव का समर्थन किया है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक वीडियो संदेश में इस प्रस्ताव की सराहना की और कहा कि इससे देश में नीतियों की निरंतरता बनी रहेगी।
प्रसाद ने बताया कि बार-बार चुनाव होने से विकास योजनाओं की गति प्रभावित होती है और अन्य परेशानियां उत्पन्न होती हैं। ‘एक देश, एक चुनाव’ इस समस्या का समाधान करेगा और इससे चुनावी खर्चों में भी कमी आएगी। उनका कहना है कि एक साथ चुनाव कराने से मतदाता भी बड़ी संख्या में मतदान के लिए प्रेरित होंगे और विकास कार्य बिना बाधा के चलते रहेंगे।
पीएम मोदी का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत की है। स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में भी उन्होंने बार-बार चुनावों के देश की प्रगति पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर एक साथ आने की अपील की थी ताकि देश में चुनावी प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित किया जा सके।
उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें
इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय समिति, जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे, ने इस साल मार्च में सिफारिश की थी कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। समिति ने यह भी सुझाव दिया था कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं।
बीजेपी का चुनाव घोषणापत्र
बीजेपी ने अपने हालिया चुनाव घोषणापत्र में ‘एक देश, एक चुनाव’ को प्रमुख वादों में शामिल किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी इस प्रस्ताव को लेकर कितनी गंभीर है।
भविष्य की दिशा
जेडीयू के समर्थन और प्रधानमंत्री मोदी की लगातार अपीलों के साथ, ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। यह कदम चुनावी प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और कम खर्चीला बनाने का लक्ष्य रखता है, और यदि इसे सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो इसका व्यापक असर देश की राजनीतिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है।
सभी संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि केंद्र सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक देश, एक चुनाव’ को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बना रही है, और यह प्रक्रिया न केवल राजनीतिक स्थिरता लाने में सहायक होगी, बल्कि विकास की गति को भी बनाए रखेगी।