Share Market decline:-आज शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका प्रमुख कारण ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को कहा जा सकता है , जाने कारण क्या रहा ?

Share Market:-आज भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसका मुख्य कारण ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव हैं। सेंसेक्स 1,800 अंकों से अधिक गिरा और निफ्टी 50 25,250 अंक से नीचे चला गया, जो निवेशकों की चिंताओं को दर्शाता है। तेल की बढ़ती कीमतें, सेबी द्वारा नए एफएंडओ (वायदा एवं विकल्प) नियमों की सख्ती, और चीनी शेयरों में उछाल जैसे कारकों ने बाजार को और कमजोर कर दिया है।
1. तेल की कीमतें
मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने से वैश्विक तेल आपूर्ति पर खतरा मंडराने लगा है। ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे यह संभावना बढ़ी है कि संघर्ष और तेज हो सकता है। इसका सीधा असर तेल की कीमतों पर पड़ा है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गई, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर दर्ज की गई। भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए यह बेहद चिंताजनक स्थिति है क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से देश का आयात बिल काफी बढ़ जाता है।
यदि इस संघर्ष के दौरान तेल उत्पादन या आपूर्ति में कोई बाधा आती है, तो तेल की कीमतों में भारी उछाल की संभावना है। यह स्थिति भारत के लिए आर्थिक रूप से नकारात्मक साबित हो सकती है।
2. सेंसेक्स और निफ्टी पर असर
भारतीय बाजारों में आज की गिरावट के पीछे प्रमुख कंपनियों का योगदान रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम), एलएंडटी, और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, जिससे सेंसेक्स पर दबाव बढ़ा। दूसरी ओर, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे कुछ शेयर ही बढ़त के साथ खुले।
बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10.56 लाख करोड़ रुपये घटकर 464.3 लाख करोड़ रुपये रह गया।
3. सेबी के एफएंडओ नियम
भारतीय बाजार नियामक सेबी ने वायदा और विकल्प (एफएंडओ) खंड में नए नियम लागू किए हैं, जिनमें साप्ताहिक समाप्ति को प्रति एक्सचेंज एक तक सीमित करना और अनुबंध आकार को बढ़ाना शामिल है। इन नियमों ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे खुदरा निवेशकों की भागीदारी में कमी हो सकती है।
4. चीनी शेयरों में उछाल
चीनी शेयरों के प्रदर्शन में सुधार ने भारतीय बाजार से धन के संभावित बहिर्वाह का खतरा बढ़ा दिया है। हाल ही में चीनी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक प्रोत्साहन उपायों ने चीनी शेयर बाजार को मजबूती दी है। एसएसई कंपोजिट इंडेक्स पिछले सप्ताह में 15% से अधिक बढ़ा है, और इसके चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालकर चीनी बाजार में निवेश कर रहे हैं। पिछले दो कारोबारी सत्रों में, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय इक्विटी से लगभग 15,370 करोड़ रुपये निकाले हैं, जो भारतीय बाजार पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है।
5. निवेशकों की चिंताएँ
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि अगर इजरायल, ईरान के किसी तेल प्रतिष्ठान पर हमला करता है तो तेल की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है, जो भारत के लिए नुकसानदायक होगा।
निवेशकों को अब इस स्थिति पर करीबी नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि वैश्विक और भू-राजनीतिक घटनाक्रम भारतीय शेयर बाजारों को और प्रभावित कर सकते हैं।
मध्य पूर्व में जारी तनाव, तेल की कीमतों में वृद्धि, सेबी के नए नियम, और चीनी शेयरों में उछाल ने भारतीय शेयर बाजार को हिला दिया है। निवेशकों को सावधानी से कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि वैश्विक घटनाक्रम भारतीय बाजारों को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं।