Air Strike:-इजरायल ने पहले ही बता दिया था की 22 गांवों को खाली कर दो , नहीं तो 10 मिनट में सब कुछ ख़त्म हो जाएगा , जाने फिर क्या हुआ ?
Air Strike Israel :-इजरायली सेना और हिजबुल्लाह के बीच का संघर्ष एक बार फिर गंभीर रूप ले चुका है। इजरायली सेना ने हाल ही में दक्षिणी लेबनान के 22 गांवों के निवासियों को अपने घर खाली करने का आदेश दिया है। ये गांव अवाली नदी के उत्तर में स्थित हैं, जो पश्चिमी बेका घाटी से बहकर भूमध्य सागर में जाती है। इन इलाकों में इजरायली सेना के हमलों का खतरा बढ़ गया है, और कुछ गांव तो पहले से ही लगभग खाली हो चुके हैं।
इजरायली सेना के बयान के मुताबिक, हिजबुल्लाह की आतंकी गतिविधियों में वृद्धि के कारण इन गांवों को खाली कराना जरूरी हो गया है। सेना का कहना है कि यह कदम स्थानीय निवासियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि हिजबुल्लाह इन इलाकों का इस्तेमाल अपने हथियार छिपाने और हमले करने के लिए कर रहा है। हालांकि, हिजबुल्लाह ने इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि वह नागरिकों के बीच अपने हथियार नहीं छिपा रहा है।
इजरायली सेना ने सिर्फ 10 मिनट के भीतर इन इलाकों में 3 ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक भी की हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। सेना ने यह भी चेतावनी दी है कि वह लेबनान में किसी भी हथियारबंद व्यक्ति या हथियार ले जाने वाले वाहन को निशाना बनाएगी, जिसमें एम्बुलेंस भी शामिल हो सकती हैं। इजरायल का दावा है कि हिजबुल्लाह एम्बुलेंस का इस्तेमाल हथियार और आतंकवादियों को छिपाने के लिए कर रहा है।
संघर्ष
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह संघर्ष लगभग एक साल पहले शुरू हुआ था, जब ईरान समर्थित इस आतंकी संगठन ने गाजा युद्ध के दौरान लेबनान से रॉकेट हमले तेज कर दिए थे। हाल के महीनों में इन हमलों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, जिससे इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
लेबनान की सरकार का कहना है कि इजरायल के बढ़ते हमलों के कारण 23 सितंबर से अब तक दक्षिणी लेबनान, बेका घाटी और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों से करीब 12 लाख लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। इस संकट ने मानवीय स्थिति को और जटिल बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय के अनुसार, इस संघर्ष के कारण 2006 के इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध की तुलना में अब अधिक लेबनानी लोग विस्थापित हुए हैं। तब लगभग 10 लाख लोगों को अपने घरों से भागना पड़ा था, जबकि इस बार यह संख्या 12 लाख के करीब पहुंच गई है।
दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना के हमले और हिजबुल्लाह के जवाबी हमले से यहां के नागरिकों की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है। हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में भाग रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मानवीय सहायता के लिए आगे आना पड़ रहा है।
इजरायल ने लेबनान और गाजा के कुछ हिस्सों के निवासियों को निकासी के आदेश जारी किए हैं, जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में और भी ज्यादा अस्थिरता देखी जा सकती है। अब यह देखना होगा कि इस संघर्ष का अंत कैसे होगा और इसमें शामिल सभी पक्ष कैसे कदम उठाएंगे।